महाराष्ट्र में बड़ा सियासी ड्रामा हो गया है. एनसीपी नेता अजित पवार पाला बदलकर एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. शरद पवार के भतीजे अजित पवार को महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बनाया गया है. अब देवेंद्र फडणवीस के साथ वो भी राज्य के डिप्टी सीएम रहेंगे.रविवार को आनन फानन में राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. अजीत पवार के साथ दिलीप वलसे पटिल और छगन भुजबल समेत नौ अन्य विधायकों ने भी मंत्रिपद की शपथ ली. दावा किया जा रहा है कि अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत करके हुए 40 विधायकों के साथ पार्टी तोड़ी है।
सूत्रों के मुताबिक, ये पूरे गेम बहुत ही सीक्रेट तरीके से सेट किया गया था. शरद पवार पुणे थे, उधर मुंबई में ये पूरा सियासी चक्रव्यूह रचा जा रहा था. अजित पवार ने एनसीपी विधायकों के साथ बैठक की, उधर बीजेपी और शिवसेना शिंदे ग्रुप की बैठकें होती रहीं. राज्य में तीन सियासी दलों की बैठक चल रही थी, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी.इन तीन ‘गुप्त बैठकों’ ने महाराष्ट्र का पूरा सियासी समीकरण ही बदल दिया. अचानक पता चला कि अजित पवार एनसीपी के कुछ विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए हैं. फिर पता चला कि सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी वहां मौजूद हैं. देखते ही देखते महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर हो गया और अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल हो गए. इस तरह अजित पवार ने चाचा शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए एनसीपी विधायकों के साथ बड़ा सियासी खेल कर दिया।
अजीत पवार की बगावत के बाद अब शरद पवार के पास कुल 14 विधायक बचे हैं. पुणे में शरद पवार ने कहा है कि हम अजीत पवार की मांगों पर 6 जुलाई को फैसला लेंगे. इस सियासी ड्रामे के बाद एनसीपी के प्रवक्ता महेश भारत तपासे ने कहा है कि इस शपथ ग्रहण समारोह को पार्टी की तरफ से कोई मान्यता नहीं दी गई है.कहा जा रहा है कि अजीत पवार के घर पर सुुप्रिया सूले ने अजीत पवार को मनाने की भी कोशिश की औऱ विधायकों के साथ बैठक भी की.शपथ ग्रहण समारोह के बादमहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अब हमारे पास एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं. डबल इंजन सरकार अब ट्रिपल इंजन बन गई है. महाराष्ट्र के विकास के लिए मैं अजीत पवार और उनके नेताओं का स्वागत करता हूं. अजीत पवार का अनुभव महाराष्ट्र को मजबूत करने में मदद करेगा।