अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से नाराज हैं. पीत पत्र से इसका राज खुला है. मंत्री ने अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज होकर केके पाठक को बीते मंगलवार (4 जुलाई) को पीत पत्र भेजा है. शिक्षा मंत्री के हवाले से उनके सरकारी आप्त सचिव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को यह पत्र लिखा है.बता दें कि केके पाठक को जून में ही शिक्षा विभाग में भेजा गया है. वह कड़क अधिकारी माने जाते हैं. लगातार ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं. विभाग के निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को भी पीत पत्र भेजा गया है. इसके जरिए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. बिहार सरकार के नियमों के मुताबिक काम नहीं करने का आरोप लगाया है।

शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने अपने पत्र में लिखा है कि ऐसा देखा जा रहा है कि कई मामलों में सरकार के कार्य संहिता के हिसाब से काम नहीं कराए जा रहे हैं.पीत पत्र में कहा गया है कि राजपत्रित अधिकारियों को उनके पद के अनुसार काम नहीं दिए जा रहे हैं. विभाग के अधिकारियों से उनके पद से नीचे स्तर के काम लिए जा रहें हैं इसलिए इस तरह की कार्यशैली में सुधार लाने की जरूरत है.पत्र में लिखा गया है- “पिछले कई दिनों से शिक्षा मंत्री के द्वारा यह महसूस किया जा रहा है कि शिक्षा विभाग मीडिया में नकारात्मक खबरों से अधिक चर्चा में रहा है विभाग से संबंधित कोई भी पत्र/संकल्प आदि विभागीय पदाधिकारियों/मंत्री कोषांग में पहुंचने से पूर्व ही सोशल मीडिया/यूट्यूब चैनलों तथा विभिन्न वॉट्सएप ग्रुप में पारेषित होने लगते हैं. शिक्षा विभाग में ज्ञान से अधिक चर्चा कड़क, सीधा करने, नट बोल्ट टाइट करने, शौचालय सफाई, झाड़ू मारने, ड्रेस पहनने, फोड़ने, डराने, पैंट गीली करने, नकेल कसने, वेतन काटने, निलंबित करने, उखाड़ देने, फाड़ देने जैसे शब्दों का हो रहा है.”बता दें कि स्कूलों में निरीक्षण चल रहा है. पटना जिले में स्कूलों के औचक निरीक्षण के दौरान 77 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए. इनका वेतन अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है. शिक्षकों को समय पर स्कूल आने के आदेश को लेकर तो कभी कर्मियों के जींस-टीशर्ट पहनकर कार्यालय आने पर प्रतिबंध के आदेश के कारण केके पाठक सुर्खियों में हैं. माना जा रहा है कि विभाग में खुद की अनदेखी से मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर नाराज हो गए हैं और अधिकारियों को कार्यशैली सुधारने की नसीहत दी है।

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