शरद पवार अपने राजनीतिक जीवन की सबसे मुश्किल लड़ाई लड़ रहे हैं. जिस पार्टी को उन्होंने 24 साल में बड़ा किया, आज उसी पर कब्जे के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है. कभी सबसे खास रहे भतीजे अजित पवार की बगावत के बाद पार्टी के कई दिग्गज नेता उनका साथ छोड़ चुके हैं. अजित पवार ने तो उम्र पर सवाल किया और उन्हें रिटायरमेंट की सलाह दे डाली. सीनियर पवार ने इस पर जवाब देते हुए कहा है कि 82 की उम्र में भी काम करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने ये भी खुलासा किया कि बीजेपी के साथ सरकार में शामिल होने के लिए तीन बार बात हुई थी, लेकिन आगे नहीं बढ़ सके।एनसीपी नेता ने कहा कि वह भी भी बूढ़े नहीं हुए हैं और अटल बिहारी का मशहूर जुमला ‘न टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं, (न थका हूं, न रिटायर्ड हूं) दोहराया. उन्होंने कहा, जब तक पार्टी कार्यकर्ता उनसे कहते रहेंगे तब तक वे काम कर सकते हैं।
अजित पवार ने 5 जुलाई को मुंबई के बांद्रा में पार्टी नेताओं के साथ शक्ति प्रदर्शन किया था. इस बैठक में एनसीपी के 53 में से 32 विधायक शामिल हुए थे. इसी बैठक को संबोधित करते हुए अजित पवार ने चाचा शरद पवार को रिटायर होने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था, “62 की उम्र में सरकारी अधिकारी रिटायर हो जाते हैं. 75 साल की उम्र में राजनीति में बीजेपी नेता रिटायर हो जाते हैं, आप 83 के हो गए हैं, आपको कहीं तो रुकना होगा.”अजित के इसी बयान पर प्रतिक्रया देते हुए सीनियर पवार ने कहा, बिना कोई मंत्री पद लिए हुए भी वे पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, मुझे रिटायरमेंट के लिए कहने वाले वे कौन होते हैं. मैं अभी भी काम कर सकता हूं.शरद पवार ने इसी बातचीत में खुलासा किया कि बीजेपी के नेतृत्व में सरकार में शामिल होने के लिए उनकी पार्टी से बात हुई थी. उन्होंने 2014, 2017 और 2019 में बीजेपी के साथ गठबंधन की बात हुई थी, लेकिन अलग विचारधारा होने के चलते हम आगे नहीं बढ़े।