राजधानी पटना में 13 जुलाई को बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान एक पार्टी कार्यकर्ता की मौत हो गई थी. बीजेपी इस घटना के लिए पुलिस की लाठीचार्ज को जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं, शनिवार को इस मामले को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सांसद रविशंकर प्रसाद बीजेपी पर हुए लाठीचार्ज और सरकार के द्वारा बीजेपी के कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराने पर नीतीश सरकार पर साधा निशाना कहा यह बेशर्मी की हद है. तीन दिन तक बंगाल में ग्राम पंचायत चुनाव में ममता सरकार में जो हिंसा हुई थी, उसकी जांच करने गया था. वहीं, ललन सिंह के मिर्च फेंकने वाली बात पर उन्होंने कहा कि कौन बदतमीज की तरह बात कर रहा है.रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पटना में मैंने सारे तत्वों की जानकारी प्राप्त की है।

नीतीश कुमार सरकार तानाशाह हो गई है. बीजेपी मुख्य अपोजीशन है इनको पूरा अधिकार है कि तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगे. यह दोबारा चार्जशीट हुई है. इस मुद्दे पर नीतीश कुमार ने 2017 में इनका साथ छोड़ा था. डोमिसाइल नीति को लागू करवाने के लिए जब हम प्रदर्शन करेंगे तो इस पर आप लाठी चलाएंगे, गिरफ्तार करेंगे. इसका क्या मतलब है हमारे साथी विजय शहीद हुए और आप मजाक कर रहे हैं. नीतीश कुमार अपने पुलिस को निरंकुश नहीं बनाए.वहीं, इस मुद्दे पर बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि पहली बार भारतीय राजनीति में किसी हत्या के औचित्य को स्थापित किया जा रहा है. प्रदर्शन करने का राजनीतिक दलों को अधिकार होता है, लेकिन इस प्रदर्शन पर इस तरह का जुल्म किया जाए, इस तरह से हिंसा का उपयोग किया जाए. एक व्यक्ति की सड़क पर हत्या हो गई. लगता है नीतीश कुमार उन सभी सीमाओं को पार कर गए हैं जिन सीमा को अब्दुल गफूर ने 1974 में पार किया था. 1974 में अब्दुल गफूर ने इसी प्रकार का अत्याचार किया था, जिसके विरूद्ध आंदोलन हुआ था. जिसका नेतृत्व लालू यादव और नीतीश कुमार ने किया था. आज वही लोग अब्दुल गफूर के उनके कृत्यों की पुनरावृत्ति कर रहे हैं. जनता भी इसका जवाब 1974 के आंदोलन की तरह देगी. आज भारतीय जनता पार्टी इस स्थिति में आ गई है कि बिहार में अकेले अपने बलबूते पर ऐसी ताकतों को समाप्त करने के लिए तैयार है।

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