बीजेपी का विधानसभा मार्च के दौरान 13 जुलाई को डाक बंगला चौराहा पर पुलिस की लाठीचार्ज में कई बीजेपी कार्यकर्ता घायल हो गए थे. इस प्रदर्शन के दौरान एक कार्यकर्ता की मौत हो गई थी. इस मामले में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने चार सदस्यीय टीम को जांच के लिए आज पटना भेजा है. इस टीम के सदस्य दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी भी पहुंचे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शनिवार को मनोज तिवारी सीएम नीतीश पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि घायल हुए कार्यकर्ता अस्पताल की ओर दौड़ रहे थे तो अस्पताल तक जा जाकर पुलिस ने पिटाई की है. पुलिस ने घायल कार्यकर्ताओं पर मिर्ची फेंका है।
मनोज तिवारी ने कहा कि हम लोग की जांच के क्रम में ऐसा प्रतीत होता है कि जो घटना पुलिस के द्वारा की गई है वह पहले से प्लानिंग थी और बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या करने की साजिश रची गई थी. मिर्ची पाउडर वाले आरोप पर उन्होंने कहा कि पुलिस ही कार्यकर्ताओं की आंखों में झोंकने के लिए मिर्ची पाउडर लाई थी. सरकार के लोग अगर कह रहे हैं पुलिस पर हमला बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया है तो वह खुद अपने आप को दोषी होने प्रमाण वाली बात कह रहे हैं।बीजेपी सांसद ने बिहार पुलिस से सवाल किया कि कोई भी आंदोलन करते हैं तो उसका पुलिस मैनुअल क्या है? वह हमें बताएं. पुलिस मैनुअल कहता है कि किसी पर भी आप लाठी कर रहे हैं तो कमर के नीचे आप डंडा चलाएंगे, लेकिन यहां तो कमर क्या सिर पर डंडा चलाया गया. कई लोगों के सिर फटे हैं. इसके अलावा वाटर कैनन, आंसू गैस और लाठीचार्ज तीनों एक साथ इस्तेमाल किए गए, जो पूरी तरह गलत है. पहले वाटर कैनल का इस्तेमाल होता है उससे बात अगर नहीं बनी तो आंसू गैस के गोले छोड़े जाते हैं. अंत में लाठीचार्ज की जाती है. यहां तीनों चीजें एक साथ किया गया. हम लोग पूरी बारीकी से जांच किए हैं. हम यह रिपोर्ट आज ही दिल्ली में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को जा कर देंगे।