17-18 जुलाई को बैंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक होने जा रही है। सोमवार से शुरू होकर मंगलवार तक चलने वाली इस बैठक को लेकर एक बार फिर से सियासत गर्म हो गई है। इसी बीच जेडीयू ने बड़ा दावा कर दिया है। जेडीयू ने दावा किया है कि पटना में हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक से अधिक दल बैंगलुरु में होने वाली बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। विपक्षी एकता की मुहिम को शुरू करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि जिस तरह साथ चुनाव लड़ने पर सहमति बनी उसी तरह से नेतृत्व कौन करेगा इसका भी फैसला आसानी से हो जाएगा, बीजेपी को छटपटाने की जरुरत नहीं है।मंत्री विजय चौधरी ने दावा किया है कि पटना में हुई विपक्षी दल की बैठक में जितनी विपक्षी पार्टियां शामिल हुई थीं, उससे अधिक दल बैंगलुरु में होने वाली बैठक में शामिल होने जा रहे हैं।

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विपक्षी दलों के एकजुट होने से पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ माहौल बना है। पटना की बैठक में जितनी पार्टियां थीं उससे अधिक पार्टियां आ रही हैं। विपक्षी एकजुटता की संपन्नता की कहानी यह बता रही है। जब विपक्ष की लगभग सभी पार्टियां यह कह चुकी हैं कि बीजेपी को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। रही बात नेतृत्व की तो वह भी फैसला आसानी से हो जाएगा। विपक्ष का नेता कौन होगा इसको लेकर आखिर बीजेपी के लोगों को छटपटाहट क्यों हो रही है?वहीं यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर विजय चौधरी ने कहा है कि बिहार सरकार और महागठबंधन में शामिल लगभग सभी दलों का यह मानना है कि समान नागरिक संहिता लागू करने का अभी सही समय नहीं है। UCC के लिए देश में अभी उपयुक्त माहौल नहीं हैं। विजय कुमार चौधरी ने कहा कि केंद्रीय विधि आयोग ने UCC को लागू नहीं करने की जरूरत बतायी थी लेकिन अब जबरदस्ती इसे थोपने का प्रयास हो रहा है। बीजेपी धार्मिक ध्रुवीकरण चाहती है लेकिन जेडीयू इसके पक्ष में नहीं है।

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