उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकार में प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट होता था. सरकारी नौकरी निकलती थी तो चाचा और भतीजा झोला लेकर वसूली पर निकल पड़ते थे. इससे प्रदेश का प्रतिभाशाली नौजवान ठगा रह जाता था.दरअसल, मुख्यमंत्री योगी ने मिशन रोजगार के तहत निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को लोकभवन सभागार में मंगलवार (18 जुलाई) को संबोधित किया. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 1 हजार 573 एएनएम स्वास्थ्य वर्कर्स को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया. इस दौरान सीएम ने कहा कि आज प्रदेश के आयोग या बोर्ड पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता है. आज हम टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करते हुए पूरे पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं. इसी का परिणाम है कि प्रदेश के नौजवानों के मन में उत्साह है और उनके मन में प्रदेश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना है. प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर सीएम योगी आदित्यानाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व की बीमार मानसिकता की सरकार ने उत्तर प्रदेश को बीमारू बना दिया था. हमारी सरकार ने पिछले 6 वर्ष के अंदर यूपी को बीमारू राज्य की श्रेणी से उबारकर एक सक्षम राज्य बनने की ओर अग्रसर किया है. नीति आयोग के आंकड़े इसके गवाह हैं. उन्होंने कहा कि नीति आयोग के आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2015- 2016 में प्रदेश में पौने छह करोड़ यानी 37.68 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन- यापन कर रहे थे. हमारी सरकार वर्ष 2019 से 2021 के अंदर ही इसे कम करते हुए 22 फीसदी पर लाने में सफल हुई. आज के समय में यह आंकड़ा मात्र 12 फीसदी रह गया है. यह आंकड़ा सभी को आश्चर्य में डालता है।
सीएम योगी आदित्यानाथ ने कहा कि जिन जिलों में बहुत कम कार्य हुए थे, हमारी सरकार ने उन्हें चिह्नित किया. इसके तहत नीति आयोग द्वारा चयनित आठ आकांक्षात्मक जनपदों के साथ- साथ हमने 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों का भी चयन किया और नीति आयोग द्वारा निर्धारित किए गए पैरामीटर्स- शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं जल संसाधान, कौशल विकास एवं रोजगार और आर्थिक असमानता- पर कार्य करना शुरू किया. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम मिशन रोजगार के साथ- साथ मिशन शक्ति का भी है, क्योंकि इससे प्रदेश की बालिकाएं जुड़ी हुई हैं, यह उन्हें सशक्त बनाएगा. पिछले डेढ़ साल में हमारी सरकार 19 नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है, जिसके तहत लगभग 58 हजार नौजवानों को सरकारी नौकरी दी गई है. अगर सरकार के पास दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो ऐसे ही पारदर्शी तरीके से युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ सकती है.सीएम योगी ने नवनियुक्त एएनएम को बधाई दी और कहा कि पहले की सरकारों में आशा वर्कर्स और एएनएम स्वास्थ्य वर्कर्स की उपेक्षा की जाती थी. इनकी सेवाओं का मूल्यांकन नहीं हो पाता था. जगह खाली पड़ी रहती थी, कोई भरता नहीं था. हमारी सरकार ने एएनएम स्वास्थ्य वर्कर्स के महत्व को समझते हुए इस दिशा में कार्य शुरू किया. इसका नतीजा है कि खाली पड़े पद आज भरे जा रहे हैं।