पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा कि नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार सत्तारूढ दल से जुड़े हत्यारे को साफ बरी करा सकती है और आजीवन कारावास पाए बाहुबलियों की रिहाई के लिए कानून बदल सकती है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति विपक्षी दल का हो, तो उसकी हत्या को हर्ट अटैक बताने वाली पोस्टमाटर्म रिपोर्ट जारी कर सकती है. जेडीयू एमएलसी के पुत्र रॉकी यादव को रोडरेज की चर्चित घटना में आजीवन कारावास की सजा से बरी कराने के लिए सरकार ने हाई कोर्ट में न पुख्ता सबूत दिये, न ठीक से पैरवी की. सरकार बताए कि मई 2016 में आखिर व्यवसायी आदित्य सचदेवा की हत्या किसने की थी?सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दूसरी ओर विधान सभा मार्च के दिन जब बीजेपी कार्यकर्ता विजय सिंह की मृत्यु लाठीचार्ज से हुई, तब सरकार इसे हर्टअटैक बताने लगी।
अब झूठी पोस्टमाटर्म रिपोर्ट भी जारी हो गई. घटना के थोड़ी देर बाद ही जब पुलिस और सत्तारूढ़ दल घटना को हर्टअटैक बताने लगे, तब किस मेडिकल आफिसर की हिम्मत थी कि सरकार की राय के विपरीत पोस्टमाटर्म रिपोर्ट देते।बीजेपी नेता ने कहा कि यदि हिम्मत है तो नीतीश सरकार विजय सिंह की मृत्यु की जांच सीबीआई से कराए और रॉकी यादव को बरी किये जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे.सरकार तो जहरीली शराब से मौत और हत्या तक को स्वाभाविक मृत्यु साबित करने का जुगाड़ किए बैठी है, ताकि अपराध के आंकड़ों से उसका चेहरा शर्मसार न हो. अब वो नीतीश कुमार नहीं रहे, जो कहते थे कि सरकार न किसी को बचाती है, न किसी को फंसाती है. अब अपराधी बचाये जा रहे हैं और बेगुनाह लोग फंसाये भी जा रहे हैं।
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