बिहार में सरकारी स्कूल के गुरूजी बच्चों का निवाल डकार जाते हैं. बच्चों की फर्जी उपस्थिति दर्शा कर मध्याहन भोजन का चावल व पैसा गबन कर जाते हैं. वैसे शिक्षक जो बच्चों के एमडीएम खाकर खुद तंदुरूस्त होते हैं, उनके लिए अब मुश्किल घड़ी आ गई है. अगर पकड़े गए तो तीन महीने का पैसा जोड़कर वसूली की जायेगी. बच्चों के निवाले को डकारने वाली एक प्रधान शिक्षिका लपेटे में आ गई है. शिक्षा विभाग ने चार लाख रू सरकार के खाते में जमा करने का आदेश दिया है. दरभंगा के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की तरफ से डीपीओ स्थापना ने +2 उत्क्रमित उच्च विद्यालय, बौराम की प्रधानाध्यापक रूकसाना परवीण को मध्याहन भोजन संचालन में बरती गई अनियमितता को लेकर सरकारी खजाने में पैसा जमा करने का आदेश दिया है।

पत्र में कहा गया है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी,दरभंगा ने 15 मार्च 2023 को आपके विद्यालय का औचक निरीक्षण किया था. निरीक्षण के क्रम में उपस्थिति पंजी के अनुसार उपस्थिति एवं भौतिक रूप से उपस्थिति में काफी अन्तर पाई गई. इस आलोक में तीन माह के कार्य दिवसों के समतुल्य राशि का गणना की गई जो 4 लाख 38 हजार 375 रू होता है। पूर्व में भी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, मध्याहन भोजन योजना के द्वारा आपसे परिगणित राशि 438375/- रूपये जमा करने का निदेश दिया गया था . लेकिन आपने अब तक जमा नहीं किया है.डीपीओ स्थापना ने प्रधानाध्यापक रूकसाना परवीण को आदेश दिया है कि 438375 रूपये का ड्राफ्ट, बिहार राज्य मध्याहन भोजन योजना समिति, दरभंगा SS के माध्यम से मध्याहन भोजन योजना कार्यालय में पत्र प्राप्ति के तीन दिनों के अन्दर जमा करें और इशकी जानकारी दें. साथ ही अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें की किस परिस्थिति में आपके द्वारा अभी तक परिगणित राशि जमा नहीं किया गया है। इसके साथ ही आरोपी प्रधानाध्यापक का वेतन स्थगित कर दिया गया है. तत्काल आपकावेतन स्थगित किया जाता है।

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