बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी रणनीति का खाका खींचना तेज कर दिया है. पार्टी ने एनडीए से जुड़ रहे नए दलों के साथ सीटों की शेयरिंग का फॉर्मूला और रणनीति तैयार है. हाल ही में एनडीए में वापसी करने वाले चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच भी बीजेपी को उम्मीद है समझौता हो जाएगा. बीजेपी ने हाल ही में एनडीए का विस्तार किया है. पार्टी के तीन पुराने साथी आरएलएसपी के उपेन्द्र कुशवाह, हम के जीतन राम मांझी और चिराग पासवान एनडीए में फिर से शामिल हुए हैं. बड़ा सवाल ये है कि चिराग पासवान और पशुपति पारस क्या एक साथ आएंगे और अगर आएंगे तो उनके बीच बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग फॉर्मूला क्या होगा?
बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने मीडिया को बताया कि चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों एक साथ आ सकते हैं. इसके लिए बीजेपी की तरफ से कोशिश तेज कर दिए गई है. सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान ने जब एनडीए में वापसी की थी तब उनके सामने बीजेपी के नेतृत्व की तरफ से 6 लोकसभा के फॉर्मूले की पेशकश की गई थी.अब बीजेपी पूरी कोशिश में है कि चिराग अपने चाचा पशुपति पारस के साथ सामंजस्य बैठा लें. दोनों के विवाग को सुलझाकर एक साथ चुनाव लड़ने के लिए राजी कर लिया जाएगा. अगर ऐसा हुआ तो फिर से संयुक्त एलजेपी को बीजेपी की तरफ से छह लोकसभा सीटें और एक राज्यसभा सीट दी जा सकती है. हालांकि चिराग और पशुपति के बीच सबसे बड़ा पेच हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर फंसा हुआ है।
चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों ही हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने तो एनडीए की बैठक वाले दिन (18 जुलाई) कैमरे के सामने बाकायदा दावा कर दिया कि वे हाजीपुर लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा था, “चिराग को जहां जाना वो जाएं.”वहीं, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी को 2024 के लोकसभा के लिए 2 लोकसभा और एक राज्यसभा सीट देने का प्रस्ताव दिया गया है. इसमें गया लोकसभा सीट भी शामिल है. जबकि उपेन्द्र कुशवाह की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल को 3 लोकसभा सीटें और एक एमएलसी सीट मिलेगी, जिसमें काराकाट लोकसभा सीट भी शामिल है, जहां से उपेन्द्र कुशवाह चुनाव लड़ेंगे.सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के साथ भी गठबंधन करना चाहती थी और बीजेपी ने उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए 2 सीटों की पेशकश की थी. हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि इनमें से किस सीट पर बीजेपी अपने पार्टी के कार्यकर्ता को इन पार्टियों के सिंबल पर चुनाव लड़ाएगी या नहीं. बीजेपी बिहार में अगले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को परास्त करने के लिए ठोस रणनीति पर काम कर रही है।