बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर भले ही विपक्षी दलों का भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) बन गया हो. लेकिन, अभी भी इस इंडिया में कौन कौन से दल रहेंगे इसे लेकर अलग अलग तरह के संशय की स्थिति बनी हुई है. इसमें बड़ा सवाल एनसीपी प्रमुख शरद पवार को लेकर है क्योंकि वे अब 1 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने जा रहे हैं. वहीं इंडिया की तीसरी बैठक 25 और 26 अगस्त को मुंबई में होने वाली है जिसकी मेजबानी भी शरद पवार और उद्धव ठाकरे को करना है. इस बीच, 1 अगस्त को पुणे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. उसमें मंच पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार भी होंगे।
सूत्रों का कहना है कि इसे लेकर इंडिया की बैठक में भी चिंता जताई गई है. इंडिया ब्लॉक के फ्लोर लीडर्स की दिल्ली में शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान ही कुछ सदस्यों ने पुणे के समारोह के शरद पवार के मुख्य अतिथि होने पर पवार के बारे में चिंता जताई. सूत्र ने कहा कि ऐसे सुझाव थे कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राकांपा नेता से बात कर उनसे समारोह में शामिल नहीं होने का अनुरोध कर सकते हैं। पुणे में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में एनसीपी प्रमुख शरद पवार को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम के दौरान शरद पवार ही पीएम मोदी को पुरस्कार सौंपेंगे। दरअसल, इंडिया के घटक दलों का मानना है कि एक ओर विपक्ष भाजपा से मुकाबले के लिए एकजुट हुआ है तो दूसरी ओर इंडिया के नेताओं का पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने से इसका प्रतिकूल संदेश जाएगा. इससे इंडिया की छवि को नुकसान पहुंच सकता है. साथ ही पवार को लेकर कई तरह की बातें मीडिया में हो सकती है. चुकी पीएम मोदी ने इसी सप्ताह इंडिया की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी और आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से की है, ऐसे में पीएम मोदी के साथ पवार के मंच साझा करने पर इंडिया के घटक दलों को असहमत बताया जाता है. सूत्रों का कहना है कि इसे लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी चिंतित है. साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी शरद के पीएम मोदी के कार्यक्रम में जाने को उचित नहीं मानता।