अगस्त का महीना शुरू होते ही कई नए नियम लागू हो गए हैं। जीएसटी में भी एक अहम बदलाव हुआ है। नई गाइडलाइंस के मुताबिक, 5 करोड़ से अधिक से एनुअल टर्नओवर वाले बिजनेस को को ई-इनवॉयस जनरेट करना होगा। इसे पहले बिजनेस के लिए ये सीमा 10 करोड़ रुपये की थी।केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC)) की ओर से 28 जुलाई को किए गए एक ट्वीट में बताया गया था कि एक साल में पांच करोड़ से अधिक का टर्नओवर करने वाले बिजनेस को जीएसटी ई-इनवॉयस जनरेट करना जरूरी है।सीबीआईसी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, गुड्स, सर्विसेज और एक्पोर्ट करने वाली बी2बी कंपनियों को ई-इनवॉयस जनरेट करना होगा।

ये नियम एक अगस्त से लागू हो गया है।बता दें, सीबीआईसी की ओर से सीमा कम करने का नोटिफिकेशन मई में ही जारी कर दिया गया था। इससे जीसीएस के कलेक्शन और अनुपालन को बढ़ाने में मदद मिलेगी।एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीएसटी ई-इनवॉयस की सीमा कम करने से कम टर्नओवर वाले एमएसएमई को बढ़ाने में मदद मिलेगा। एक रिपोर्ट में डेलॉयट इंडिया के पार्टनर लीडर, इनडायरेक्ट टैक्स, महेश जयसिंग ने कहा कि ई-इनवॉयस के तहत एमएसएमई का दायरा बढ़ाया जाएगा और उन्हें ई-इनवॉयस के चलते इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ जल्दी मिलेगी।ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन जुलाई में 11 प्रतिशत बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह पांचवी बार है, जब जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े ने 1.60 लाख करोड़ रुपये का आंकड़े को पार किया है। जून में ये 1.61 लाख करोड़ रुपये था।

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