दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली में गुटखा और पान मसाला सहित तंबाकू उत्पादों के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी. राज निवास के अधिकारियों ने गुरुवार (10 अगस्त) को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उप राज्यपाल ने कहा कि तंबाकू से बने उत्पाद अब बच्चों और युवाओं को प्रभावित कर रहे है और आने वाली पीढ़ी के लिए इसे रोका जाना चाहिए. उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि अधिसूचना का पालन कड़ाई से किया जाना चाहिए और राष्ट्रीय राजधानी में इसके क्रियान्वयन में उदासीन रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अधिकारी ने कहा, ‘‘ उपराज्यपाल ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 239 एए (4) के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए तंबाकू से बने उत्पादों (गुटखा-पान मसाला) को प्रतिबंधित करने के ये आदेश जारी किए हैं. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में मुंह के कैंसर के बढ़ते मामलों के मद्देनजर जन स्वास्थ्य के मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
अनुच्छेद 239 एए का संबंध दिल्ली के लिए विशेष प्रावधानों से है. भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर निषेध और प्रतिबंध) विनियम, 2011 के तहत किसी भी खाद्य उत्पाद में सामग्री के तौर पर उपयोग किए जाने वाले तंबाकू और निकोटीन युक्त उत्पादों की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया है. अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार का खाद्य सुरक्षा विभाग प्रतिबंध बढ़ाने संबंधी अधिसूचना शीघ्र जारी करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘ यह कदम तंबाकू (सुगंधित,किसी अन्य स्वाद वाली आदि)के उत्पादन, भंडारन,वितरण और बिक्री पर रोक लगाएगा…..’’ उन्होंने कहा कि इन प्रतिबंधित उत्पादों में पैकटबंद अथवा खुले तंबाकू उत्पाद शामिल हैं और यह रोक एक वर्ष जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि इस वर्ष अप्रैल में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी राष्ट्रीय राजधानी में गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तंबाकू और इसी तरह के उत्पादों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा लगाए गए प्रतिबंध की पुष्टि की थी. इससे पहले रोक संबंधी अधिसूचना 2015 से 2021 तक के लिए जारी की गई थी।