बिहार के उत्तरी इलाकों सहित नेपाल के तराई वाले इलाकों में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से अब कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इन सबके बीच नेपाल ने सोमवार सुबह कोसी डैम के 56 गेट खोल दिए. इससे बिहार में 4 लाख 52 हजार 710 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जो उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ा देगा. स्थिति की संभावित गंभीरता को देखते हुए बिहार प्रशासन ने पूरे उत्तर बिहार के लिए टॉल फ्री नंबर 1800-3456-145 जारी किया है. वहीं कई जिलों में प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है और निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की बात कही गई है. नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण बिहार सुपौल, मधेपुरा, बगहा आदि जिलों में कई नदियों में जलस्तर बढने लगा है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बिहार में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी किया है. उन्होंने सभी संभावित बाढ़ वाले जिलों में अधिकरियों को स्थिति पर नजर बनाए रखने और किसी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने को तैयार रहने कहा है. दरअसल, नेपाल के कोसी डैम से सर्वाधिक पानी डिस्चार्ज वर्ष 1968 में हुआ था. तब 7 लाख 88 हजार 200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।

उसके बाद 1989 में 5 लाख 23 हजार 771 क्यूसेक छोड़ा गया और अब 4 लाख 52 हजार 710 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. ऐसे में एक ही दिन में कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने की संभावना है.कोसी में बढ़ते जलस्तर के बाद बगहा के वाल्मीकि नगर बराज का जलस्तर भी तेज से बढ़ा है. यहां डैम के 36 गेट खोले जाने से कई निचले इलाकों में तेजी सेपानी फ़ैल गया है. कुछ गांवों के आसपास बाढ़ जैसे हालत बने हुए हैं. वहीं सुपौल में भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने 120 गांवों में अलर्ट जारी किया है. यहां कोसी का पानी कई गांवों को अपनी जद में लेने लगा है. इसी तरह प्रशासन ने मधुबनी में अलर्ट जारी किया है. यहां के कई गांवों में कोसी का पानी फैलने की संभवना है इससे यहां बाढ़ की गंभीर स्थिति बन सकती है.हालांकि राहत की बात गंगा को लेकर है. गंगा के जलस्तर में पिछले कुछ दिनों से हो रही बढ़ोत्तरी में अब कमी आने लगी है. गंगा का जलस्तर पटना के गांधी घाट पर करीब 48.38 मीटर रहा. वहीं हथिदह में गंगा खतरे के निशान 41.76 मीटर के करीब 41.75 मीटर पर है।

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