उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में मजबूत पकड़ रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के नेता ओम प्रकाश राजभर ने टीवी9 के विशेष कार्यक्रम में राजनीति से लेकर राजनेताओं पर खुलकर बात की. राजभर ने इस दौरान अपने पुराने साथी और उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक और बड़े नाम शिवपाल यादव पर भी बेबाकी से बोले. उन्होंने एक तरफ तो शिवपाल को अखिलेश यादव से बड़ा नेता बताया तो दूसरी तरफ उन्हें पलटी मार और हल्का नेता भी कहा.आगामी लोकसभी चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कई छोटे-छोटे क्षेत्रीय दलों को अपने साथ लिया है. हालांकि कई दल उससे दूर भी हुए हैं. साथ जाने वाले दलों में से एक सुभासपा है और साथ छोड़कर अपनी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय करने वालों में शामिल दलों में से एक प्रगतिशील समाजवादी पार्टी है।

सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर और प्रसपा के शिवपाल यादव सूबे के दो कद्दावर नेता हैं. ये कई बार साथ रहे हैं, लेकिन फिलहाल राजनीति की दो अलग-अलग धुरी पर हैं. हालांकि इनके एक धुरी पर कभी भी लौटने की संभावना को राजभर ने जिंदा रखा है. उन्होंने टीवी9 के कार्यक्रम में दो टूक कहा कि शिवपाल भले ही समाजवादी पार्टी में लौट गए हों, लेकिन उनका दिल आज भी बीजेपी के साथ ही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उन्हें सब कुछ दिया है.टीवी9 के कार्यक्रम में राजभर जमकर अखिलेश यादव पर बरसे और उन्होंने कहा कि अखिलेश ने उन्हें कई बार अपमानित किया है. राजभर ने बताया कि जब सपा परिवार में टूट चल रही थी, तब उन्होंने शिवपाल और अखिलेश को मिलवाने का खूब प्रयास किया. राजभर ने बताया कि उन्हें ये खबर सुनकर हैरानी हुई थी, कि शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी में कर लिया. राजभर ने कहा कि जब उन्होंने शिवपाल से इस बारे में बात की तो शिवपाल ने परिवार का हवाला दिया.इसी दौरान राजभर ने शिवपाल पर हमलावर होते हुए कहा कि वो पलटी मारने में माहिर हैं. राजभर ने मुलायम सिंह के पुराने बयान का भी जिक्र किया और कहा कि अखिलेश को लेकर तो खुद मुलायम भी ये कह चुके हैं कि ये अपने बाप का नहीं हुआ और इसने चाचा को पार्टी से निकाल दिया. इसके बाद भी शिवपाल वापस समाजवादी पार्टी के साथ चले गए.जब राजभर से शिवपाल यादव के उस बयान के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने राजभर को हल्का नेता बताया था. तो राजभर ने पलटकर जवाब दिया कि हां वो हल्के नेता हैं, लेकिन शिवपाल से हल्के नहीं. वो शिवपाल से भारी नेता हैं, ये बात साबित करने के लिए उन्होंने कहा कि शिवपाल ने ये बात साबित कर दी कि वो चुनाव आता है तो दुकान खोलते हैं. राजभर ने कहा कि शिवपाल ने भी तो पार्टी बनाकर दुकान खोली थी, लेकिन उनकी दुकान बंद हो गई और हमारी दुकान चल पड़ी।

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