बिहार बीजेपी (BJP) ने बड़ा फैसला किया है. विधान परिषद में हरि सहनी को नेता प्रतिपक्ष बनाया है. बीजेपी के इस फैसले के बाद बिहार में वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की चर्चा होने लगी है. वहीं, इस मुद्दे पर वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि यह तो अच्छी बात है कि बीजेपी ने हरि सहनी को बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया है. ऐसे लोगों को पार्टी ने जगह दी है, लेकिन निषाद समाज गंगाजल लेकर कसम खा चुका है कि अगर आरक्षण नहीं तो वोट नहीं. हमलोग तो शुरू से कह रहे हैं कि अगर बीजेपी आरक्षण देती है तो हमलोग समर्थन देने के लिए तैयार हैं.एमएलसी हरि सहनी को बीजेपी कहीं मुकेश सहनी के काट के तौर पर तो लेकर नहीं आई है?

इस सवाल पर देव ज्योति ने कहा कि कहां लालू यादव और कहां नवल किशोर यादव. ये बात तो वही हो गई कि कहां हरि सहनी और कहां मुकेश सहनी. कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बीजेपी तो हरि सहनी का एक बार टिकट भी काट चुकी है.बता दें कि बीजेपी ने रविवार को एक बड़ा बदलाव करते हुए हरि सहनी को बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया है. वे विधान परिषद में अब सम्राट चौधरी की जगह नेता प्रतिपक्ष होंगे. लोकसभा चुनाव के पूर्व बीजेपी बिहार में सभी वर्गों को साधने की बड़ी रणनीति बना रही है. ऐसे में अब सहनी समाज से आने वाले हरि सहनी को खास जिम्मेदारी देकर पार्टी ने एक बड़ा जातीय समीकरण भी साधा है. वहीं, हरि सहनी दरभंगा से हैं. वर्ष 2022 में एमएलसी बने. हरि सहनी दरभंगा जिला में बीजेपी के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने 2005 में विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में केवटी विधानसभा से उम्मीदवार के रूप में हरि सहनी के नाम की घोषणा हुई, लेकिन बाद में उनका टिकट काट दिया गया।

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