बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि न तो उनकी पार्टी विपक्षी गठबंधन I-N-D-I-A से और न ही सत्तारूढ़ एनडीए से गठबंधन करेगी। उन्होंने कहा कि चाहे लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा का चुनाव, उनकी पार्टी इन दोनों में से किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि बीएसपी लगातार इन पार्टियों की नीतियों के खिलाफ संघर्षरत है इसलिए किसी तरह के गठबंधन का सवाल पैदा नहीं होता है।
मायावती ने एक के बाद एक सिलसिलेवार ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी लगातार संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।उन्होंने आगे लिखा-‘बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी। मीडिया बार-बार भ्रान्तियां न फैलाए।’मायावती ने कहा-‘ वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी। इसके अलावा, बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?’ आखिर में मायावती ने देशवासियों को रक्षा बंधन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने लिखा-‘देश व दुनिया में रहने वाले सभी भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार वालों को रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक बधाई तथा उनके खुशहाल जीवन की शुभकामनाएं।’