सरकारी स्कूलों की छुट्टियों में कटौती के फैसले को लेकर बिहार प्रारंभिक शिक्षक संघ की पटना में बुधवार की बैठक हुई. विभिन्न सरकारी स्कूलों के शिक्षक बैठक में शामिल हुए. शिक्षक संघ ने स्कूलों की छुट्टियों में कटौती के फैसले को वापस लेने की मांग की और स्कूलों में तालाबंदी करने की चेतावनी दी. बिहार सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया. शिक्षकों ने कहा कि हम लोगों के अधिकार को बिहार सरकार छीन रही है. हम लोगों के साथ अन्याय हुआ है. हम लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. सरकार तत्काल प्रभाव से इस फैसले को वापस लें नहीं तो पूरे बिहार में बड़ा आंदोलन होगा और स्कूलों में हम लोग तालाबंदी करेंगे।शिक्षकों ने कहा कि हिन्दुओं के पर्व पर मिलने वाली छुट्टियों को रद्द किया गया और कटौती भी की गई. मुस्लिम समाज के त्योहारों में जो छुट्टियां मिलती हैं उनको न रद्द किया गया और न उनमें कटौती की गई है. छठ दुर्गा पूजा समेत कई त्योहारों में हम लोग उपवास पर रहते हैं. ऐसे में कैसे हम लोग पढ़ा पायेंगे? बिहार सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।
साल में हम लोग 250 से ज्यादा दिन पढ़ाते हैं. हम लोग थक जाते हैं. इंसान हैं. छुट्टी की जरूरत रहती है, लेकिन सरकार तर्क दी कि 220 दिन साल में स्कूल में पढ़ाई होना जरूरी है इसलिए छुट्टियों में कटौती की जा रही है. यह तुगलकी फरमान है.आक्रोशित शिक्षकों ने कहा कि ऐसा नहीं है कि स्कूलों में छुट्टियां रद्द होने पर बच्चों को पढ़ाई में फायदा होगा. लगातार स्कूल जाने से बच्चे थक जाते हैं. तनाव में रहते हैं. उनको भी आराम चाहिए. कभी हम लोगों को जातीय गणना के काम में लगाया जाता है, कभी बोरा कबाड़ बेचने के लिए कहा जाता है. कभी शराब की बोतल खोजने को कहा जाता है. हम शिक्षकों को हमेशा बेइज्जत किया गया है. हमेशा गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाया गया. अब यह सब हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम लोगों को न्याय चाहिए।