लोकसभा चुनाव 2024 को शुरू होने में सात महीने से भी कम का समय रह गया है. ऐसे में जहां एक ओर एनडीए को हराने के लिए देश के महत्वपूर्ण विपक्षी पार्टियों ने एक होकर इंडिया गठबंधन बनाया है. इसी बीच बीजेपी की केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुला लिया है. ऐसे में इस विशेष सत्र के दौरान ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल का प्रस्ताव लाए जाने के कयास लगने लगे हैं. जिसे लेकर उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी ने इसे लेकर अपना रुख साफ कर दिया है.फिलहाल अपने 10 सालों के कार्यकाल के दौरान केंद्र की बीजेपी सरकार ने इस तरह से संसद का स्पेशल सत्र नहीं बुलाया है. ऐसे में अचानक विशेष सत्र बुलाए जाने पर भले ही बीजेपी का रुख इस पर साफ नहीं हुआ है. वहीं विपक्ष में इस विशेष सत्र के दौरान ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल का प्रस्ताव लाए जाने की आशंका है।

इसी बीच सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसका विरोध जताते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या का प्रयास बताया है. इन दिनों अपने विवादित बयाने से सुर्खियों में बने हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘वन नेशन-वन इलेक्शन का निर्णय संविधान विरोधी है, लोकतंत्र की हत्या कर राजतन्त्र की स्थापना का सरकार का घिनौना प्रयास है. सरकार के इस निर्णय की घोर निंदा करता हूं. लोकतंत्र को बचाने के लिये सभी को एकजुट हो जाना चाहिए, गफलत में रहोगे तों संविधान बदल देंगे.’फिलहाल ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल को लेकर देशभर की ज्यादातर विपक्षी पार्टियों को इसका विरोध करते देखा जा सकता है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ ने इसका विरोध करते हुए कहा कि ऐसा करना एकदम सभव नहीं है. राज्यसभा सांसद संजय राउत का कहना है कि ‘मुझे लगता है चुनाव आगे टालने के लिए यह षड़यंत्र है.’ वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फ़खरूल हसन चांद ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल के जरिए बीजेपी पर क्षेत्रीय दलों को समाप्त करने का आरोप लगाया है।

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