तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे व सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन पर दिए बयान से सियासी पारा चढ़ गया है. उन्होंने सनातन को खत्म करने की बात कही है, जिसके बाद बीजेपी के नेता व असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि वह तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की निंदा नहीं करना चाहते क्योंकि उन्होंने खुद को बेनकाब कर दिया है. यही नहीं उदयनिधि के बयान से कांग्रेस ने किनारा कर लिया है।

उदयनिधि के बयान के बाद बीजेपी के निशाने पर INDIA गठबंधन आ गया, चूंकि डीएमके गठबंधन का हिस्सा है. बीजेपी का कहना है कि INDIA में डीएमके सबसे बड़ा घटक दल है. बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद उदयनिधि का कहना है कि वे अपनी बात पर कायम हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं किसी भी मंच पर पेरियार और आंबेडकर के व्यापक लेखन को प्रस्तुत करने के लिए तैयार हूं, जिन्होंने सनातन धर्म और समाज पर इसके नकारात्मक प्रभाव पर गहन शोध किया था. मैं अपने भाषण के महत्वपूर्ण पहलू को दोहराता हूं… मेरा मानना है कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारी डेंगू और मलेरिया है, वैसे ही कई सामाजिक बुराइयों के लिए सनातन धर्म जिम्मेदार है।

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