आम लोगों को बढ़ी महंगाई से राहत देने के लिए मोदी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू एलपीजी की कीमतों में हालिया कटौती के बाद, केंद्र सरकार दिवाली के आसपास पेट्रोल, डीजल की कीमत में 3-5 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर सकती है। कुछ राज्यों के चुनाव नवंबर-दिसंबर में होंगे, उससे पहले सरकार ये कदम उठा सकती है। पिछले हफ्ते, सरकार ने सभी 33 करोड़ उपभोक्ताओं के लिए घरेलू 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये/सिलेंडर की कटौती की थी। इससे आम आदमी को महंगाई से काफी राहत मिली है। सरकार दिवाली के आसपास पेट्रोल/डीजल की कीमत में 3-5 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर सकती है। नवंबर-दिसंबर में कई राज्यों में चुनाव होंगे। इसमें मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ अहम राज्य हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कटौती ज्यादातर उत्पाद शुल्क और/या वैट में कटौती के जरिए होगी, क्योंकि कच्चे तेल की मौजूदा ऊंची कीमत पर ओएमसी को नुकसान होगा।

एलपीजी की कीमत में कटौती का बोझ सरकार उठाएगी। हालांकि, सरकारी मुआवजे में सामान्य अंतराल को देखते हुए इससे ओएमसी की कार्यशील पूंजी में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि सरकार ओएमसी को पेट्रोल/डीजल की कीमतों में कटौती करने के लिए प्रेरित कर सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में संभावित मजबूत मुनाफे के कारण उनकी बैलेंस शीट काफी हद तक दुरुस्त हो गई है। हमारी गणना से पता चलता है कि ओएमसी ब्रेक-ईवन ब्रेंट कीमत (ऐतिहासिक जीएमएम अर्जित करने के लिए) 80 डॉलर प्रति बैरल से काफी कम है। कमजोर विपणन मार्जिन की कुछ हद तक भरपाई मार्जिन में उछाल से हो रही है।

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