आरक्षण के समर्थन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणियों के एक दिन बाद गुरुवार को राजद नेता और सांसद मनोज झा ने कहा कि मोहन भागवत को केंद्र सरकार से जाति जनगणना के लिए सहमत होने के लिए कहना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने बुधवार को नागपुर में कहा था कि समाज में भेदभाव मौजूद है और जब तक असमानता बनी रहेगी तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। भागवत ने कहा कहा था कि संविधान में प्रदत्त आरक्षण को आरएसएस पूरा समर्थन देता है.उनके बयान पर राजद नेता मनोज झा ने कहा, वे (पूर्व आरएसएस प्रमुख एमएस) गोलवलकर के अनुयायी हैं. लेकिन मुझे कम से कम खुशी है कि उन्होंने संविधान के अनुसार सोचना शुरू कर दिया है. उन्होंने आरएसएस का जिक्र करते हुए कहा, “वे खुद को एक सामाजिक संगठन कहते हैं, लेकिन वे एक राजनीतिक संगठन हैं और वे सरकार चलाते हैं. आप जाति जनगणना पर चुप क्यों हैं?

झा ने कहा कि आरएसएस प्रमुख को सरकार से जाति जनगणना कराने के लिए कहना चाहिए.उन्होंने कहा, मोहन भागवत अब केंद्र सरकार से कहें कि वह जाति जनगणना के लिए सहमत हो. अन्यथा आपने जो कहा है वह सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए जुबानी जमाखर्च है. कांग्रेस, जद(यू), राजद और समाजवादी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों ने जाति जनगणना कराने का समर्थन किया है।इंडिया के सामने पीएम मोदी बेबस : इंडिया और भारत को लेकर चल रहे विवाद के बीच मनोज झा ने कहा कि हमें ‘भारत’ शब्द से कोई घबराहट नहीं है। हमारे नारे में भी ‘जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया’ है। जिसे ‘भारत’ से आपत्ति होगी वह हिंदुस्तानी नहीं है। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए झा ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री ने इंडियन मुजाहिदीन बोला, वह नहीं चला। ईस्ट इंडिया कंपनी बोला, वह भी नहीं चला। घमंडिया जैसा शब्द इस्तेमाल किया, जो शब्दकोश तक में नहीं, वह भी नहीं चला। यह निराशा पीएम मोदी को बहुत कमजोर, बेबस दिखा रहा है।

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