प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत भाषण के साथ आज शनिवार को दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो गई. हालांकि इस सम्मेलन की सबसे खास बात यह रही कि मंच पर पीएम मोदी के सामने लगाए जाने वाले कंट्री नेम प्लेट पर इंडिया की जगह भारत लिखा हुआ था. देश में पिछले कुछ दिनों से इंडिया की जगह भारत नाम करने की चर्चा जोरों पर चल रही है.इससे पहले जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर भेजे गए निमंत्रण पत्र में भी ‘प्रेजिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेजिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया था, जिसकी वजह से देश का नाम बदले जाने की चर्चा छिड़ गई है।

सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर लोग अपने-अपने तर्क दे रहे हैं.यही नहीं विपक्षी दलों की ओर से भी इंडिया की जगह भारत नाम लिखे जाने पर मोदी सरकार को घेरा गया. विपक्षी दल केंद्र सरकार के देश का नाम भारत किए जाने की कवायद को लेकर लगातार आलोचना कर रहा है. कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA नाम से जब से गठबंधन बना है, इनकी चूलें हिल गई हैं. विपक्षी गठबंधन से ये लोग इतने घबरा गए हैं कि अब आप भारत नाम लिख रहे हैं.इससे पहले केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले भारत नाम के साथ एक बुकलेट जारी किया था. यह बुकलेट पीएम मोदी के इंडोनेशिया में होने वाले भारत-आसियान सम्मेलन में शामिल होने से जुड़ी थी. इसमें भी पीएम मोदी को इंडिया के प्रधानमंत्री की बजाय भारत के प्रधानमंत्री लिखा गया था.भारत-आसियान सम्मेलन से जुड़े बुकलेट में भी भारत का जिक्रकेंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी मंगलवार को जी20 सम्मेलन के दौरान रात्रिभोज में शामिल होने के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र को सोशल मीडिया पर साझा किया जिसमें प्रेजिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ था.इसी तरह असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरना ने भी सोशल मीडिया पर इंडिया की जगह भारत नाम किए जाने का समर्थन करते हुए कहा कि देश का इंग्लिश नाम क्यों होना चाहिए? उन्होंने भी रिपब्लिक ऑफ भारत लिखा.इंडिया की जगह भारत नाम किए जाने को लेकर विपक्ष नाखुश है. इसी क्रम में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 3 दिन पहले कहा था कि विपक्षी गठबंधन अपना INDIA नाम बदलने को तैयार है, यदि इस नाम की वजह से केंद्र देश का नाम इंडिया’ की जगह नाम भारत करने योजना बना रही है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संविधान में देश के नाम के रूप में इंडिया’ और भारत दोनों का जिक्र किया गया है, लेकिन इंडिया’ नाम को नहीं हटाया जाना चाहिए।देश के संविधान के आर्टिकल-एक के अनुसार, इंडिया मतलब भारत, जो राज्यों का संघ है. इसे 18 सितंबर 1949 को संविधान सभा में अपनाया गया था।

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