शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने यह दावा करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है कि रामचरितमानस जैसे प्राचीन ग्रंथों में इतने हानिकारक तत्व हैं कि उनकी तुलना ‘पोटेशियम साइनाइड’ से की जा सकती है. आरजेडी (RJD) के नेता ने गुरुवार को देर रात एक कार्यक्रम में इस आशय की टिप्पणी की, जिसका एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आया है. वहीं, इस पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. बीजेपी मीडिया पैनलिस्ट नीरज कुमार ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने महान सनातन धर्म का अपमान किया है, जिसमें संत रविदास और स्वामी विवेकानंद जैसे प्रगतिशील लोग शामिल हैं. हम जानना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इस अपमान पर चुप क्यों हैं?आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि यह सच है कि हमारी पार्टी सामाजिक न्याय के लिए खड़ी है, लेकिन यह सभी धर्मों के सम्मान के लिए भी खड़ी है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी बयान से बचना चाहिए. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि संविधान में कहा गया है कि सभी धर्मों को समान सम्मान दिया जाना चाहिए. ऐसा लगता है कि कुछ लोग महज सुर्खियों में बने रहने के लिए ऐसी बातें कहते हैं, जिसे हम अस्वीकार करते हैं।

बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि यह सिर्फ मेरा विचार नहीं है, बल्कि हिंदी के बड़े लेखक नागार्जुन और समाजवादी विचारक राम मनोहर लोहिया ने भी कहा है कि रामचरितमानस में कई प्रतिगामी विचार हैं. मंत्री की इसी तरह की टिप्पणियों से इस साल की शुरुआत में विवाद पैदा हुआ था. चंद्रशेखर ने स्वीकार किया कि शास्त्रों में बहुत सी महान बातें हैं, लेकिन अगर किसी दावत में पोटेशियम साइनाइड छिड़ककर 55 व्यंजन परोसे जाते हैं, तो भोजन खाने लायक नहीं रह जाता.आरजेडी नेता ने आरोप लगाया कि जातिगत भेदभाव के बारे में उनकी टिप्पणियों के बाद उन्हें अपशब्द कहे गए और हमले की धमकियां भी मिलीं, लेकिन जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने इसी तरह की चिंता व्यक्त की तो किसी को कोई समस्या नहीं हुई।

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