पाकिस्तान को आखिरकार नये चीफ जस्टिस मिल गए हैं। हालांकि बहुत लंबे समय तक उनका कार्यकाल नहीं होगा। रविवार को न्यायमूर्ति काजी फैज इसा पाकिस्तान के 29वें प्रधान न्यायाधीश बने। इसके बाद उन्हें शपथ दिलाई गई। उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 13 महीने का होगा, जो अगले साल 25 अक्टूबर को समाप्त होगा। पूर्व में न्यायमूर्ति इसा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार का मामला दायर किया गया था, लेकिन बाद में इसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था।न्यायमूर्ति इसा (63) को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इस्लामाबाद के ऐवान-ए-सद्र में आयोजित एक समारोह में कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में शपथ दिलाई।

न्यायमूर्ति इसा को स्वतंत्र विचारों वाला माना जाता है और 2019 में फैजाबाद में एक धार्मिक संगठन के धरने को लेकर शक्तिशाली संगठन के खिलाफ दिए गए फैसले के बाद उन्हें भी निशाना बनाया गया था। इसा को ऐसे वक्त में पाकिस्तान के चीफ जस्टिस की कमान मिली है, जब यह देश कई तरह के संकटों से जूझ रहा है। जस्टिस इसा के कार्यकाल के दौरान ही पाकिस्तान में आम चुनाव भी होने हैं। अगले वर्ष फरवरी में पाकिस्तान में आम चुनाव होने की संभावना है। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से लेकर अन्य कई बड़े मामलोंं में उन्हें सुनवाई करनी पड़ सकती है। इस दौरान पाकिस्तान आर्थिक और कानूनी चुनौतियों से जूझ रहा है। भ्रष्टाचार के आरोप में पूर्व पीएम इमरान खान जेल की सजा काट रहे हैं। इससे पहले उन्होंने तत्कालीन शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ जमकर आंदोलन और प्रदर्शन किया था।

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