दिल्ली से पटना लौटे चिराग पासवान ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान मीडिया ने बताया कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा है कि नीतीश कुमार एनडीए में आते हैं तो उनका स्वागत है। चाचा के इस बयान पर चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार जिस तरह की दबाव की राजनीति करते हैं यह यकीनन उसी का एक पक्ष है। नीतीश कुमार को लेकर चिराग ने आगे कहा कि दूसरों को डर दिखाकर मौजूदा गठबंधन से ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पुरानी रणनीति का हिस्सा रहा है। जब वे एनडीए में रहते हैं तब पैदल चलकर लालूजी के दावत-ए-इफ्तार में चले जाते हैं ताकि एनडीए को डर दिखाया जा सके और जब नीतीश महागठबंधन में रहते हैं तब महागठबंधन के कार्यक्रमों को छोड़कर बार-बार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को श्रद्धांजलि देने चले जाते हैं ताकि राजद के ऊपर दबाव बनाई जा सके। जबकि सही बात यह है कि विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया में नीतीश कुमार की अनदेखी हो रही है। उनकी वहां पूछ तक नहीं हो रही है। नीतीश कुमार बड़े बड़े सपने लेकर वहां गये थे। संयोजक, गठबंधन के नेता और प्रधानमंत्री का चेहरा बनने गये थे लेकिन हकीकत यह है कि इंडिया गठबंधन में आज की तारीख में नीतीश कुमार को पूछा भी नहीं जा रहा है। चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार किसी भी गठबंधन में रहे ना वो गठबंधन इन पर विश्वास करता है और ना ही गठबंधन के नेता ही भरोसा करते हैं। जब प्रदेश की जनता ही इन पर विश्वास नहीं करती ऐसे में कोई दूसरा व्यक्ति इनके ऊपर विश्वास क्यों करेगा? इसी कारणों से ये बार-बार दबाव की राजनीति का इस्तेमाल करते हैं। मुख्यमंत्री मौजूदा गठबंधन में दवाब की राजनीति करते हैं। वही पूर्व विधान पार्षद रणवीर नंदन ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया है। रणवीर नंदन ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को एक लाइन का पत्र भेजा है। इस पत्र में लिखा है-मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। इस्तीफे की कॉपी रणवीर नंदन ने नीतीश कुमार को भी भेजा है। जेडीयू नेता रणवीर नंदन के इस्तीफे पर चिराग पासवान ने कहा कि ये तो अभी शुरुआत है आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ने वाली है। जनता दल यूनाइटेड में बड़ा असंतोष है।

चिराग ने कहा कि नेता तो बार-बार गठबंधन बदल लेता है लेकिन जो कार्यकर्ता होते हैं उनको जनता के बीच जाना होता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तो चुनाव ही नहीं लड़ना है। वो ना तो लोकसभा का चुनाव लड़ते है और ना ही विधानसभा का चुनाव ही लड़ते हैं। नीतीश कुमार बार-बार पाला बदलने का काम करते हैं। लेकिन जिनको बार-बार जनता के पास जाना होता है उनको तो सोचना पड़ेगा ही। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के घटक दलों के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। वही खुशरूपुर कांड पर कहा कि जो लोग मणिपुर की घटना के ऊपर संसद में चिख चिख कर बोला करते थे वही लोग आज खुशरुपुर में महिला के साथ हुई हैवानियत पर चुप क्यों हैं। महागठबंधन और विपक्षी दल इंडिया खुशरूपुर की घटना पर खामोश है। इंडिया गठबंधन बिहार की इस घटना पर खामोश क्यों है। जहां एनडीए की सरकार होगी वहां ये लोग मुद्दा बनाते हैं। अपने अपराधों को छुपाना और दूसरों के ऊपर हो हल्ला मचाना यह दोहरी नीति है जो गलत है। जीतनराम मांझी ने जमुई से लोकसभा चुनाव लड़ने का दावा किया है कि मांझी के इस दावे पर चिराग ने कहा कि यह गठबंधन के भीतर ही तय होगा कि जमुई से कौन चुनाव लड़ेगा?

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