बिहार में जातीय गणना के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद से ही इसपर सवाल उठ रहे हैं। सरकार के विरोधी दलों के नेता जातीय गणना में गड़बड़ी करने का आरोप लगा रहे हैं। राष्ट्रीय लोजपा ने भी जातीय गणना के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि सरकार ने सोची समझी साजिश के तरह पासवान जाति के लोगों की संख्या कम दिखाई है।केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पारस ने कहा है कि पूरे बिहार में पासवान जाति के लोगों की संख्या सबसे अधिक है। इस बात को हर कोई अच्छी तरह से जानता है। राजनीतिक द्वेष के कारण जातीय गणना में पासवान जाति के लोगों की संख्या कम दिखाई गई है।
उन्होंने कहा कि पासवान जाति के लोग आरजेडी गठबंधन को वोट नहीं देते हैं इसलिए जान बूझकर बिहार सरकार द्वारा पासवान जाति के लोगों की संख्या कम बताई गई है। पासवान जाति के लोगों के साथ साथ अन्य जाति के लोगों के साथ भी विश्वासघात हुआ है। पारस ने बिहार सरकार से मांग की है कि वह इसकी पूरी जांच कराए और इसमें जो लोग भी दोषी पाए जाएं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।