बिहार बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। अभी पिछले महीने 26 सितंबर को दिल का दौरा पड़ने के बाद शाहनवाज हुसैन को मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले से उनके दिल की धड़कने बढ़ने वाली हैं। रेप मामले में घिरे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे शाहनवाज हुसैन को राउज एवेन्यू की अतिरिक्त चीफ मेट्रो पॉलिटन मजिस्ट्रेट ने दुष्कर्म मामले में दिल्ली पुलिस की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें शाहनवाज हुसैन को क्लीन चिट दी गई थी। कोर्ट ने पुलिस की कैंसिलेशन रिपोर्ट को अस्वीकृत कर दिया है।कोर्ट की ओर से संबंधित एसएचओ के माध्यम से शाहनवाज हुसैन के खिलाफ समन जारी किया है। उसके अलावा कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई पर पेश होने का निर्देश जारी किया है।

ध्यान रहे कि शाहनवाज हुसैन पर एक महिला ने आरोप लगाया था कि उन्होंने उसे धमकाया था और उनके भाई शहबाज हुसैन ने वर्ष 2017 में शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया। महिला ने दुष्कर्म के भी आरोप लगाए थे। महिला का आरोप था कि शाहनवाज हुसैन ने अपने भाई का पक्ष लेकर इस मामले को दबाया था। उसे कई प्रकार की धमकी भी दी गई थी। एकबारगी ये मामला पटना की मीडिया में भी चर्चा का विषय बना था।ध्यान रहे कि इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने पिछले वर्ष 31 मई 2022 को इसे संज्ञेय अपराध माना था। कोर्ट ने शाहनवाज हुसैन और उनके भाई शहबाज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। सियासी जानकारों की मानें, तो बीजेपी के लिए बहुत बड़ी बात होगी। बिहार में शाहनवाज हुसैन एक कद्दावर नेता हैं। इस तरह उन पर कार्रवाई होने और कोर्ट का आदेश जारी होने के बाद काफी किरकिरी होगी। बिहार बीजेपी में इस खबर के बाद हड़कंप मचने की स्थिति हो जाएगी। कोर्ट के आदेश के बाद अब अगली सुनवाई में शाहनवाज हुसैन को उपस्थित होना होगा।पिछले महीने शाहनवाज हुसैन मुंबई दौरे पर पहुंचे थे। वे बांद्रा के विधायक और बीजेपी मुंबई के अध्यक्ष आशीष शेलार के घर पर गये थे। वहां मुलाकात चल रही थी। दोनों नेता बातचीत कर रहे थे। उसी दौरान शाहनवाज हुसैन को कुछ परेशानी महसूस हुई। उसके बाद जब दिक्कत बढ़ गई तो बीजेपी के स्थानीय नेता ने शाहनवाज हुसैन को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया था। उसके बाद उसका इलाज शुरू हुआ। शाहनवाज को हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी।2014 के चुनाव में जहां बीजेपी ने मोदी लहर में बड़ी जीत दर्ज की। शाहनवाज हुसैन चुनाव हार गए। 2006 में वे उपचुनाव के जरिए संसद पहुंचे थे। 2014 में उनकी हार के बाद पार्टी ने उन पर ध्यान देना बंद किया। हालांकि, इस दौरान भी वे समर्पण के साथ पार्टी की सेवा करते रहे। 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। शाहनवाज हुसैन की सीट जेडीयू के साथ बंटवारे में चली गई। उस समय नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा थे। 2020 में पार्टी ने उन पर विश्वास जताते हुए उन्हें विधान परिषद भेजा। शाहनवाज हुसैन मंत्री भी बने। उन्हें नीतीश कुमार की सरकार में काम करने का मौका मिला। उसके कुछ ही दिन बाद नीतीश कुमार ने सरकार आरजेडी के साथ बना ली। शाहनवाज हुसैन इन दिनों विधान परिषद में पार्टी के मुद्दे उठाते हैं। फिलहाल, पूरे बिहार का दौरा करते हैं। नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर रहते हैं।

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