बता दें कि मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में भाषण देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2007 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने का एलान किया था. 2009 में मनमोहन सिंह केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पास किया. बिहार में भी एक यूनिवर्सिटी खोलने का फैसला लिया गया. नीतीश बोले-मैंने उसी समय केंद्र सरकार से मांग किया था कि इस यूनिवर्सिटी को मोतिहारी में खोला जाये. मोतिहारी ही वह जगह है जहां से महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत की थी।

बापू ने यहां शिक्षा की अलख भी जगायी थी. नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने बार-बार तत्कालीन केंद्र सरकार को कहा कि मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोला जाये लेकिन वह राजी नहीं हुई.नीतीश कुमार ने कहा कि मनमोहन सिंह के समय मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से जाकर मुलाकात की. उन्होंने मुझे खाना खिलाया लेकिन मोतिहारी में सेंट्ल यूनिवर्सिटी खोलने से मना कर दिया. मैं उन्हें बार-बार कहता रहा कि मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलिये लेकिन वे माने नहीं. उस समय की केंद्र सरकार ने कहा कि गया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलेंगे. नीतीश कुमार ने कहा-“वो तो 2014 में जब केंद्र में नयी सरकार आयी तो मोतिहारी में बापू के नाम पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने का फैसला लिया. 2016 से यहां काम भी शुरू हो गया.”मोतिहारी का मंच राजनीतिक नहीं था. सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह था, जिसमें राष्ट्रपति मौजूद थीं. उस कार्यक्रम में मौजूद भाजपा सांसद राधामोहन सिंह औऱ दूसरे बीजेपी नेताओं की ओर इशारा करते हुए नीतीश बोले-“ये जितने लोग हैं, सब साथी हैं. कौन कहां है, छोड़िये न भाई. छोड़ो न एकरा से का मतलब है. हमरा त दोस्ती कहियो खतम होगा. जब तक हम जीवित रहेंगे, आप लोगों के साथ भी मेरा संबंध रहेगा. चिंता मत करिये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *