ठंड की शुरुआत के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा एक बार फिर लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। दिल्ली की हवा अक्टूबर से लगातार खराब स्थिति में है। SAFAR की ओर से दिल्ली में आज बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 336 दर्ज किया गया है। यानी दिल्ली की हवा बहुत खराब श्रेणी में है। इससे पहले सोमवार को दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया था।दिल्ली की हवा बहुत खराब श्रेणी में होने की वजह से कर्तव्य पथ पर हल्की धुंध छाई हुई है। सुबह की सैर करने वाले एक व्यक्ति का कहना है, “अक्टूबर के बाद से हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है। शहर में इस अवधि के दौरान प्रदूषण के कारण मुझे थोड़ी दिक्क्त महसूस हुई।”दिल्ली में इस बार का अक्टूबर महीना पिछले तीन सालों में सबसे प्रदूषित रहा। सामान्य बारिश न होने की वजह से भी लोगों को ज्यादा एयर पॉल्यूशन का सामना करना पड़ रहा है।
केंद्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक, जनवरी से अक्टूबर तक के आंकड़े देखें तो इस बार पहले की तुलना में प्रदूषण का स्तर कम रहा। हालांकि, बारिश की कमी से 2021 और 2022 की तुलना में इस बार अक्टूबर में प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहा। इस बार अक्टूबर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 219 रहा। साल 2022 में यह 210 और साल 2021 में यह 173 अंक पर था।वहीं, दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ दिनों से राजधानी में गंभीर प्रदूषण के हालात को देखते हुए ग्रैप-2 (GRAP-2) लागू करने का फैसला लिया है। यह फैसला आज बुधवार सुबह से लागू हो गया है। इसका मकसद दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाना है। अब दिल्ली में रहने वाले और राजधानी से अपने वाहनों से गुजरने वाले लोगों को ग्रैप-2 के नियमों का पालन करना होगा। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि ग्रैप-2 के प्रावधान लागू होने के बाद 1 नवंबर से दिल्ली में अन्य राज्यों की डीजल बसें एंट्री नहीं कर पाएंगी। दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर 1 नवंबर से दिल्ली में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब से आने वाली डीजल बसों पर रोक लगा दी है। अब दिल्ली में उन्हीं डीजल बसों को प्रवेश की इजाजत मिलेगी, जो बीएस6 कैटेगरी वाली हैं। इसके अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की भी एंट्री बनी रहेगी।