मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फॉर्मूला यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पसंद आया है. साथ ही नीतीश की भांति काम करने पर ही देश में सच्चा रामराज भी आएगा. अखिलेश यादव ने नीतीश के काम की यह तारीफ बिहार में हो रही जातीय गणना को लेकर की है. बिहार की तरह अब उत्तर प्रदेश में जातीय जनगणना को एक बड़ा मुद्दा बनाए जाने की कवायद जारी है।इसी क्रम में सपा सुप्रीमो ने शनिवार को कहा, रामराज्य, समाजवाद तभी संभव है, जब जातीय जनगणना हो. जातीय जनगणना होने से सबका साथ-सबका विकास होगा।
जातीय जनगणना से ही भाईचारा आएगा. जातीय जनगणना से ही भेदभाव खत्म होगा, जातीय जनगणना से ही लोकतंत्र मजबूत होगा. जातीय जनगणना से ही समाजवाद आएगा. जातीय जनगणना से ही रामराज्य आएगा।जातीय जनगणना के समर्थन में सपा, बसपा, राजद, जदयू, डीएमके समेत कई बड़े रीजनल दल हैं. बिहार में पहले ही नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने जातीय गणना की शुरुआत कर दी है. इन सबके बीच केंद्र सरकार ने पहले ही जातीय गणना की मांग को ख़ारिज कर दिया है. ऐसे में सीएम नीतीश ने अपने बलबूते बिहार में जातीय गणना कराने का निर्णय लिया. जाति पूछने का दूसरा चरण शुरू भी हो चुका है. 15 मई तक बिहार में 215 जातियों की गणना हो जाएगी।
वहीं इन सबके बीच नीतीश कुमार को अब अखिलेस यादव का समर्थन मिलने से केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी गणना कराने की विपक्ष की मांग को और ज्यादा बल मिला है. नीतीश कुमार पहले ही कई मुद्दों पर विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं. ऐसे में अब जातीय गणना पर अखिलेश का नीतीश को मिला साथ एक तरह से केंद्र सरकार पर इस मुद्दे पर दबाव बनाने की दिशा में विपक्षी की रणनीतिक पहल हो सकती है।