देश में बायो फ्यूल को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. अब सरकार ने सीएनजी (CNG) और पीएनजी (PNG) में बायो गैस (Bio Gas) को मिलाने का फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) में बायो गैस का मिश्रण अनिवार्य रूप से करना होगा. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने बताया कि इस कदम से अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचेगा. साथ ही कंप्रेस्ड बायो गैस का प्रोडक्शन और खपत भी बढ़ेगी. इस फैसले को चरणों में लागू किया जाएगा. नेशनल बायोफ्यूल्स कोआर्डिनेशन कमेटी (NBCC) की मीटिंग में फैसला लिया गया कि सेंट्रल रिपॉजिटरी बॉडी (CRB) बायो गैस मिश्रण की व्यवस्था को मॉनिटर करेगी. साथ ही सुनिश्चित करेगी कि हर जगह इस नियम का पालन हो. यह नई व्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 से शुरू होगी।
फिलहाल ऑटोमोबाइल्स और घरों में इसका इस्तेमाल एक फीसद मिश्रण के साथ शुरू किया जाएगा. फिर 2028 तक इसे बढ़ाकर 5 फीसद कर दिया जाएगा. पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि बायो गैस का इस्तेमाल बढ़ाने में यह महत्वपूर्ण निर्णय साबित होगा. इससे बायो गैस का उत्पादन बढ़ेगा और देश का एलएनजी आयात भी कम होगा. इससे न केवल देश के लोगों के पास पैसा जाएगा बल्कि सरकार को भी विदेशी मुद्रा बचाने में सहयोग मिलेगा. यह सरकार की ओर से नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य के प्रति एक मजबूत कदम है. हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि इस फैसले से 2028-29 तक लगभग 750 बायो गैस प्रोजेक्ट बनेंगे. साथ ही 37,500 करोड़ रुपये का निवेश भी होगा. उन्होंने बताया कि बैठक में मक्के से एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने पर भी विचार किया गया. कृषि विभाग एवं खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने इस पर सहमति भी जताई है. सरकार ने 2027 तक घरेलू उड़ानों के लिए एटीएफ में एक फीसद और इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए 2028 तक 2 फीसद एथेनॉल मिलाने पर सहमति जताई है. पेट्रोल में फिलहाल 10 फीसद एथेनॉल मिलाया जा रहा है. भविष्य में इसे 2030 तक 20 फीसद पर लाने की योजना है।