दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने कुछ शर्तों के साथ ‘मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन’ नामक संगठन को राजधानी के रामलीला मैदान मुस्लिम महापंचायत करने की इजाजत दे दी है. पुलिस रामलीला मैदान में मुस्लिम महापंचायत की इजाजत 18 दिसंबर 2023 को करने के लिए दी है. पुलिस के इस रुख के बाद अखिल भारतीय मुस्लिम महापंचायत का रास्ता साफ हो गया है. साथ ही मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन के नेताओं को भी इससे बड़ी राहत मिली है. मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन संगठन का दावा है कि वह नागरिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम करता है. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस की दलील पर गौर करने के बाद संगठन द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया।
अदालत ने यह स्पष्ट किया कि कोई भी अन्य विभाग कार्यक्रम या निर्धारित तिथि पर स्थल की उपलब्धता को लेकर कोई आपत्ति नहीं उठाएगा. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता को कार्यक्रम के सुरक्षित और सुचारू संचालन के लिए आयोजक द्वारा सुनिश्चित किए गए बिंदुओं पर 18 दिसंबर को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी गई है. इसके साथ ही अदालत ने इस मामले का यही पर निपटारा कर दिया. मिशन सेव कॉन्स्टिट्यूशन ने पहले यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि वह चार दिसंबर को रामलीला मैदान में महापंचायत के आयोजन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की मांग की थी. दिल्ली पुलिस द्वारा उस आवेदन पर विचार न करने से संगठन से जुड़े लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा कि चार दिसंबर को मैदान उपलब्ध नहीं था, इसलिए अदालत ने पुलिस से वह तारीख देने को कहा था जब याचिकाकर्ता के लिए कार्यक्रम आयोजित करने के लिए मैदान उपलब्ध हो. इसके बाद संगठन ने 18 दिसंबर की तारीख का चयन किया. दरअसल, 26 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने राजधानी के रामलीला मैदान में मुस्लिम महापंचायत की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसकी वजह बताते हुए पुलिस ने कहा कि यदि तय समय पर महापंचायत की इजाजत दी गई तो सांप्रदायिक सौहार्द का महौल खराब हो सकता है. मुस्लिम महापंचायत के पोस्टर का रंग साम्प्रदायिक है. उस समय दिल्ली हाईकोर्ट ने ये भी कहा था कि मुस्लिम महापंचायत पर हमेशा के लिए रोक नहीं है. फेस्टिव सीजन के बाद इस कार्यक्रम के आयोजन और याचिकाकर्ता दोबारा महापंचायत करने के लिए संबंधित ऑथोरिटी के पास जाकर इसकी इजाजत मांग सकते हैं।