अमेरिका के बाद भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है. बीते नौ साल में भारत ने 50 हजार किमी से ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया है और चीन को पछाड़ दिया है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा हाईवे है.Continues below advertisementभारत में कुल 63 लाख किमी से ज्यादा सड़क का जाल फैला हुआ है. इसमें नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे, स्टेट हाईवे, डिस्टिक रोड्स और ग्रामीण सड़कें शामिल हैं. नेटवर्क नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 1 लाख 44 हजार किमी है. नेशनल हाईवे बनाने का जिम्मा केंद्र सरकार का है.नेशनल हाईवे के अलावा बाकी सड़कें राज्य सरकारों की जिम्मेदारी हैं, हालांकि सड़क निर्माण के लिए बजट का कुछ हिस्सा केंद्र सरकार से आता है. देशभर में सड़क और पुल किस तरह बनाए जाएं, उनकी चौड़ाई, मजबूती आदि का फैसला सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ही करता है.Continues below advertisementआइए इस स्पेशल स्टोरी में समझते हैं कि हर साल कितनी लंबी नई सड़कों का निर्माण होता है, सड़कों की चौड़ाई कितनी रहती है, किस राज्य में सबसे ज्यादा नेशनल हाईवे, सबसे ज्यादा फ्लाईओवर कहां, किस राज्य में सड़कों पर सबसे कम जाम लगता है.पहले समझिए क्यों जरूरी है सड़क का निर्माणकिसी भी देश की तरक्की के लिए अच्छी सड़कों का निर्माण एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है. सड़कें देश के अलग-अलग भागों को एक दूसरे से जोड़ने का काम करती हैं. सड़क के जरिए ही सामान और सेवाएं एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से पहुंच सकती हैं.सड़कों के निर्माण से ही देश की अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास को गति मिलती है. साथ ही व्यापार को बढ़ावा मिलता है. किसान अपनी उपज को बाजार तक आसानी से पहुंचा सकते हैं. सड़कों के निर्माण से लोगों के बीच सामाजिक संपर्क बढ़ता है.देश में सड़क की लंबाई कितनीसड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, भारत में कुल 63 लाख 31 हजार 791 किमी लंबा सड़क नेटवर्क है. इसमें से नेशनल हाईवे एक लाख 44 हजार 955 किमी है. स्टेट हाईवे 1 लाख 67 हजार 079 किमी लंबा है. बाकी सड़कों की लंबाई 60 लाख 19 हजार 757 किमी है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क जाल! कहां लगता है सबसे कम जाम, अमेरिका-चीन के सामने हम कहांहर साल कितनी लंबी नई सड़क बनी2013 तक भारत में 53 लाख किमी से भी कम का सड़क नेटवर्क था. 9 सालों में दिसंबर 2022 तक ये बढ़कर करीब 64 लाख किमी हो गया. यानी कि हर साल औसतन एक लाख किमी से ज्यादा सड़क का निर्माण हुआ. नेशनल हाईवे की बात करें तो 9 सालों में करीब 53,668 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग बना है. यानी कि हर साल 5000 किमी से ज्यादा.आबादी के हिसाब से सड़क नेटवर्कभारत का क्षेत्रफल 32 लाख 87 हजार 263 वर्ग किमी है. इस हिसाब से भारत में प्रति वर्ग किमी पर 1.94 किमी सड़क है. यह हांगकांग के बराबर और चीन, अमेरिका, ब्राजील से काफी ज्यादा है. आबादी के हिसाब से भारत में प्रति 1000 लोगों पर 5.13 किमी लंबी सड़कें हैं. यह अमेरिका से कम, लेकिन चीन से ज्यादा है.भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क जाल! कहां लगता है सबसे कम जाम, अमेरिका-चीन के सामने हम कहांभारत की सड़कों की क्वालिटीभारत की सड़कों की क्वालिटी में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी चीन और अमेरिका से पीछे है. भारत एक विशाल देश है और सड़क की क्वालिटी हर जगह समान नहीं हो सकती है. कुछ सड़कें अच्छी स्थिति में है, तो कुछ खराब स्थिति में हैं. नेशनल हाईवे की स्थिति अपेक्षाकृत अच्छी है. राज्य और ग्रामीण सड़कों की स्थिति नेशनल हाईवे से खराब है. भारत में सड़कों के बुनियादी ढांचे में अभी भी कमी है. सड़कों का रखरखाव भी एक बड़ी समस्या है.सड़कों की चौड़ाई कितनी रहती हैएक नेशनल हाईवे की चौड़ाई आमतौर पर कम से कम 7.5 मीटर की होती है और अधिकतम 15 मीटर तक होती है. उस हाईवे पर ट्रैफिक के हिसाब से चौड़ाई तय की जाती है. स्टेट हाईवे की औसत चौड़ाई 3 मीटर से 5.5 मीटर होती है. वहीं ग्रामीण सड़कों की औसत चौड़ाई 2 से 3.7 मीटर होती है. शहरी सड़कों की चौड़ाई अलग-अलग होती है जो कुल 5 मीटर से 10 मीटर तक हो सकती है.चीन में सड़कों की औसत चौड़ाई भारत से ज्यादा है. चीन में नेशनल हाईवे की औसत चौड़ाई 12 मीटर है, जबकि स्टेट हाईवे की औसत चौड़ाई 10 मीटर है. वहीं पाकिस्तान में सड़कों की औसत चौड़ाई भारत के बराबर है. पाकिस्तान में नेशनल हाईवे की औसत चौड़ाई 7 मीटर है, जबकि राज्य राजमार्गों की 5.5 मीटर है.किस राज्य में सबसे ज्यादा नेशनल हाईवेरोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश के दूसरे सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा नेशनल हाइवे हैं. महाराष्ट्र में 18,459 किमी लंबाई वाले कुल 102 हाईवे हैं. लंबाई के हिसाब से भी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा किमी का हाईवे है. इसके बाद उत्तर प्रदेश (12,270 किमी), राजस्थान (10,706 किमी), मध्य प्रदेश (9104 किमी), आंध्र प्रदेश (8683 किमी), कर्नाटक (8037 किमी), गुजरात (7885 किमी), तमिलनाडु (7000 किमी) का स्थान आता है.भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क जाल! कहां लगता है सबसे कम जाम, अमेरिका-चीन के सामने हम कहांभारत का सबसे लंबा हाईवेदेश का सबसे लंबे नेशनल हाईवे 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरता है. श्रीनगर से शुरू होकर कन्याकुमारी तक हाईवे की कुल लंबाई 3745 किमी है. ये हाईवे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, यूपी, दिल्ली, राजस्थान, मध् यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध् रप्रदेश, कर्नाटक होते हुए तमिलनाडु जाता है.भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क जाल! कहां लगता है सबसे कम जाम, अमेरिका-चीन के सामने हम कहांकिस राज्य में सबसे कम जामसिक्किम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय भारत में सबसे कम व्यस्त सड़कों वाले राज्य हैं. इन राज्यों में कम आबादी, कम वाहन और कम औद्योगिक गतिविधियां हैं, जिस कारण सड़कों पर कम भार होता है. इन राज्यों में सड़कों का घनत्व भी कम है.महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में सबसे व्यस्त सड़कें हैं. शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में सड़कों पर अधिक भार होता है.किस शहर में सबसे ज्यादा जाम भारत के दो शहर बेंगलुरु और पुणे दुनिया के टॉप-10 शहरों में शामिल हैं जहां सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम लगता है. टामटाम ट्रैफिक इंडेक्स ने 55 देशों के 387 शहरों में अध्ययन के बाद यह बात कही. लिस्ट में बेंगलुरु छठे और पुणे सातवें स्थान पर रहा. 2023 में बेंगलुरु में 10 किमी की यात्रा में औसत समय 28 मिनट 10 सेकंड लगा था, जबकि पुणे में यह समय 27 मिनट 50 सेकंड था. हालांकि वर्ल्ड आफ स्टैटिसक्सि की 2023 रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में सबसे खराब ट्रैफिक सिस्टम के मामले में टॉप-10 लिस्ट भारत के तीन शहर शामिल है. पहला दिल्ली है जो टॉप-10 में छठे स्थान पर है. इसके बाद कोलकाता और मुंबई का नाम है. यहां ट्रैफिक सिस्टम खराब होने की पीछे की मुख्य वजह सड़कों की क्षमता से ज्यादा गाड़ियों की संख्या का होना है.भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क जाल! कहां लगता है सबसे कम जाम, अमेरिका-चीन के सामने हम कहांअमेरिका में जाम भारत जितना गंभीर नहीं है. लॉस एंजिल्स में औसतन 1 घंटे, न्यूयॉर्क शहर में 1 घंटे, शिकागो में 45 मिनट और ह्यूस्टन में 30 मिनट जाम लगता है. वहीं चीन के बीजिंग में औसतन 5.5 घंटे, शंघाई में 4.5 घंटे, ग्वांगझू में 4 घंटे और शेन्ज़ेन में 3.5 घंटे जाम लगता है. पाकिस्तान में भी कुछ ऐसी ही हालत है.यहां कराची में औसतन 3 घंटे, लाहौर में 2.5 घंटे, इस्लामाबाद में 2 घंटे और पेशावर में 1.5 घंटे जाम लगता है.दुनिया में सबसे ज्यादा जाम कहांदुनियाभर के बड़े-बड़े देशों की सड़कों पर जाम लगने के कई कारण होते हैं. मुख्य कारण हैं- ज्यादा व्हीकल, खराब बुनियादी ढांचा, सड़क दुर्घटनाएं और खराब सड़कों की स्थिति. रिपोर्ट के अनुसार, थाईलैंड में सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम लगता है. 2023 में बैंकॉक में एवरेज 61 घंटे ट्रैफिक जाम में खर्च किए गए थे. कोलंबिया के बोगोटा में औसतन 56 घंटे ट्रैफिक जाम में खर्च किए. इसके बाद इंडोनेशिया के जकार्ता में औसतन 53 घंटे प्रति ट्रैफिक जाम में फंसे रहे लोग.भारत में भी ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है. दिल्ली में हर दिन औसतन 4 घंटे, मुंबई में 3.5 घंटे, चेन्नई में 2.5 घंटे, बेंगलुरु में 2 घंटे और कोलकाता में 2 घंटे जाम लगता है. जाम के कारण काफी समय बर्बाद होता है, तेल की खपत बढ़ती है, प्रदूषण बढ़ता है और लोगों को तनाव होता है.भारत के तमाम शहर अपनी अलग पहचान के लिए जाने जाते हैं. ऐसा ही एक शहर है चेन्नई जिसकी पहचान फ्लाईओवर से है. चेन्नई में सबसे ज्यादा 272 फ्लाईओवर हैं. यहां का काठीपाड़ा फ्लाईओवर सबसे मशहूर है. इसका आकार घास की पत्ती की तरह है.चेन्नई के बाद दिल्ली फ्लाईओवर का शहर कहा जाता है. यहां भी 250 से ज्यादा फ्लाईओवर है. इसके बाद मुंबई में करीब 176, बेंगलुरु में 100, हैदराबाद में 80 फ्लाईओवर है।

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