भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा से तनाव भरी संबंध रहा है।भारत में हो रहे SCO मीटिंग में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए आज भारत पहुंचे।उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारे लिए मेजबानी में कोई कमी नहीं रही. हाथ मिलाने की तस्वीर क्यों नहीं दी ये उनसे पूछ लें. आयोजन में जैसा व्यवहार दूसरे विदेश मंत्रियों के साथ रहा वैसा ही हमारे साथ भी हुआ. सिंध में भी हम ऐसे ही स्वागत करते हैं.”भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सम्मेलन स्थल पर बिलावल भुट्टो, चीन के छिन कांग और अन्य विदेश मंत्रियों का अभिवादन हाथ मिलाकर नहीं बल्कि नमस्ते के साथ अभिवादन किया।

बिलावल भुट्टो ने आगे कहा, “कश्मीर में जी20 का आयोजन करना भारत के घमंड को बताता है. साथ ही दिखाता है कि किस तरह अंतरराष्ट्रीय नियमों और सुरक्षा परिषद प्रस्तावों को दरकिनार करके आगे बढ़ रहे हैं.” उन्होंने कहा, “साल 2026 में एससीओ की प्रेसिडेंसी पाकिस्तान के पास है. हम नहीं चाहते कि पाकिस्तान या भारत कोई भी आतंकवाद का शिकार बने. हम आतंकवाद के खिलाफ इसलिए नहीं लड़ रहे कि भारत ने हमें बताया है बल्कि इसलिए लड़ रहे हैं क्योंकि हमने भी आतंकवाद के हाथों एक बड़ी आबादी को खोया है।

लेकिन आतंकवाद का मुकाबला मिलकर करने की जरूरत है. ये लड़ाई केवल बयानों तक सीमित न हो जाए.”पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत में 2023 क्रिकेट विश्व कप में अपने देश की क्रिकेट टीम भेजने पर कहा कि उम्मीद है, हम उस स्थिति में नहीं हैं जहां खेल को नुकसान उठाना पड़े. खेल और राजनीति को एक साथ नहीं मिलाना चाहिए. भारत को ऐसे छोटेपन की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए और खेलों को बंधक नहीं बनाना चाहिए. मैंने कोशिश की है।आज का जो विदेश मंत्रियों का बैठक रहा वह काफी सफलता पूर्वक रहा।

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