नया महीना और कुछ नए नियम, ये हर महीने होने वाली ऐसी घटना है जो ना सिर्फ आपकी जिंदगी को बदलती है. बल्कि ये आपके घर के बजट पर भी असर डालती है. एक तरफ नियम बदलने से जहां आपके कामकाज पर कोई ना कोई असर होता है. वहीं कभी कोई नया टैक्स लगना, जीएसटी की नई दरों का लागू होना इत्यादि कई जरूरी वस्तुओं और सेवाओं के दाम पर असर डालता है, जिससे आपकी जेब पर असर पड़ता हैआज अगस्त की पहली तारीख है. इसलिए आज भी कई नियम कायदों से लेकर वस्तुओं के दाम में बदलाव हो रहा है. ये आपके घर के बजट पर सीधा-सीधा असर डालने वाले हैं. एक बार जान लीजिए इनके बारे में…देश में 1 अगस्त 2024 से जूतों और चप्पलों के नए मानक लागू हो रहे हैं. नए मानकों को भारतीय स्टैंडर्ड ब्यूरो (BIS) ने तैयार किया है. इससे अब जूतों-चप्पलों की मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर रिटेल सेल्स तक पर असर होगा. वहीं इनको बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल से लेकर इनकी क्वालिटी तक के मानक तय होने से इनकी कीमतों पर भी असर होगा. इसलिए आपके जूते-चप्पल महंगे होने की पूरी उम्मीद है.हालांकि सरकार ने पुराने स्टॉक को क्लियर करने के लिए कहा है, इसलिए अगस्त के शुरुआती दिनों में आपको बड़े-बड़े ब्रांड पर सेल ऑफर मिल सकता है. नए नियमों के बाद देश में अच्छी क्वालिटी के जूते-चप्पल मिलने की उम्मीद है. वहीं ये नए मानक छोटे मैन्यूफैक्चर्स पर लागू नहीं होंगे.बदल रहे क्रेडिट कार्ड के चार्जेसदेश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC Bank ने भी पहली अगस्त से कई नियमों में बदलाव करने का ऐलान किया है. ये नियम क्रेडिट कार्ड से जुड़े हैं. अब से थर्ड पार्टी फिनटेक या पेमेंट ऐप्स जैसे कि क्रेड, पेटीएम, मोबीक्विक और फ्रीचार्ज इत्यादि पर अगर आप बैंक के क्रेडिट कार्ड के माध्यम से घर के किराये का भुगतान करते हैं, तो बैंक आपसे 1% का सरचार्ज लेगा.वहीं अब अगर आप एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड से 15,000 रुपए से अधिक फ्यूल पर खर्च करते हैं, तब भी आपको 1% का पेमेंट करना होगा. उससे कम के पेमेंट पर शुल्क नहीं लगेगा. इतना ही नहीं अगर आप महीने में 50,000 रुपए से ज्यादा के फोन, बिजली, इंटरनेट जैसे यूटिलिटी बिल का पेमेंट करते हैं, तब भी आपको 1% का एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा. इन सभी पेमेंट के लिए प्रति ट्रांजेक्शन 3,000 रुपए की लिमिट सेट की गई है.यूं तो इस बदलाव से आपकी जेब पर जो असर होगा, वह आपको सीधे पता नहीं चलेगा. लेकिन आप अपने जीवन में कई ऐसी सर्विसेस यूज करते हैं जहां गूगल मैप्स का इस्तेमाल होता है. इसमें उबर और रेपिडो जैसी राइड सर्विस या ब्लिंकइट और स्विगी जैसी डिलीवरी शामिल है. गूगल मैप्स ने भारत में अपने चार्जेस को 70% तक सस्ता करने का ऐलान किया है. साथ ही पेमेंट को अब डॉलर के बजाय रुपए में लेने की भी बात कही है. इससे उबर और रेपिडो जैसी सर्विस की इनपुट कॉस्ट कम होगी, जिसकी वजह से वह इसका फायदा कस्टमर्स तक पहुंचा सकती है।1 अगस्त से फास्टैग से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव होने जा रहा है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की नई गाइडलाइन्स के मुताबिक सभी फास्टैग को अपने केवाईसी को अपडेट करना अनिवार्य है. केवाईसी अपडेट गुरुवार से ही शुरू हो रही है.इतना ही नहीं जो FASTag 5 साल से पुराने हो गए हैं, उन्हें अब बदलना होगा. वहीं जो 3 साल से ज्यादा पुराने हैं, उनके लिए अनिवार्य तौर पर केवाईसी अपडेट करना होगा. वहीं अब गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर को फास्टैग से लिंक करना जरूरी होगा. फास्टैग प्रोवाइडर्स को भी अपने डेटाबेस को वेरिफाई करना होगा. नई गाड़ियों की खरीद के 90 दिन के अंदर लोगों को फास्टैग पर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर अपडेट करना होगा. मोबाइल नंबर भी लिंक करना होगा.इस महीने देश के अलग-अलग राज्यों में बैंकों में कुल 13 दिन काम नहीं होगा. इसमें 15 अगस्त, रक्षाबंधन से लेकर शनिवार और रविवार की छुट्टियां शामिल हैं।