लालू यादव के बड़े बेटे व बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही है।बीते दिन बुधवार को देर शाम पटना हाई कोर्ट में तेज प्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या के मामले में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया. उच्च न्यायालय ने इसलिए फैसले को रद्द कर दिया क्योंकि केस घरेलू हिंसा का था जबकि फैमिली कोर्ट ने हिंदू मैरिज एक्ट के तहत फैसला सुना दिया था।दरअसल 21 दिसंबर 2019 को पटना की फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने घरेलू हिंसा की जगह हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 24 के तहत ऐश्वर्या के पति तेज प्रताप यादव को प्रतिमाह 22 हजार रुपये के साथ ही मुकदमा खर्च के लिए 2 लाख रुपये देने का निर्देश दिया था।
इसपर ऐश्वर्या ने फैमिली कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में अपील की थी. उनका कहना था कि उन्होंने इस तरह की मांग ही नहीं की थी. कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकार करते हुए अब फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है।बीते दिन देर शाम को पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति पी बी बजनथरी और अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने ऐश्वर्या की अपील को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया. कोर्ट ने फैमिली कोर्ट को घरेलू हिंसा को लेकर दायर ऐश्वर्या की अर्जी का निपटारा तीन महीने में करने का निर्देश दिया है. बता दें कि ऐश्वर्या ने घरेलू हिंसा का मामला पटना के फैमिली कोर्ट में मैट्रिमोनियल केस 1208/2018 दायर किया था।पिछले साल जून में इसी मामले में पटना हाई कोर्ट में ऐश्वर्या-तेजप्रताप की काउंसलिंग हुई थी।
हाई कोर्ट ने कहा था कि दोनों आपसी सहमति से कोई रास्ता निकाल लें. इस दौरान ऐश्वर्या ने कहा था कि उन्हें पति और ससुराल में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन तेज प्रताप ने कहा था कि उन्हें साथ नहीं रहना है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि आप लोग अपने-अपने वकीलों के साथ बैठकर आपसी सहमति से कोई रास्ता निकालें।बता दें कि लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी 12 मई 2018 को बड़े धूमधाम से हुई थी. हालांकि छह महीने में ही रिश्ते में दरार पड़ने लगी. तेज प्रताप यादव ने फैमिली कोर्ट में तलाक का आवेदन दे दिया था. यह मामला सचिवालय थाना भी पहुंचा. ऐश्वर्या ने आरोप लगाया था कि उनकी सास राबड़ी देवी दहेज के लिए अत्याचार करती है. तेज प्रताप की बहनों पर भी आरोप लगाए थे।