जिला न्यायपालिका के 2 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष ये केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है. ये यात्रा है, भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की. ये यात्रा है, एक लोकतंत्र के रूप में भारत के और परिपक्व होने की. भारत के लोगों ने कभी सुप्रीम कोर्ट पर, हमारी न्यायपालिका पर अविश्वास नहीं किया इसलिए सुप्रीम कोर्ट के ये 75 वर्ष मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत के गौरव को और बढ़ाते हैं।पीएम ने कहा “सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है, ये यात्रा है भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की।
भारत के लोगों ने कभी सुप्रीम कोर्ट, हमारी न्यायपालिका पर अविश्वास नहीं किया. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के ये 75 वर्ष मदर ऑफ डेमोक्रेसी भारत के गौरव को और अधिक बढ़ाते हैं. देश संविधान की 75 वर्षगांठ मनाने जा रहा है, इसलिए इस अवसर में भी गर्व और प्रेरणा भी है..”पीएम मोदी ने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने आपातकाल के काले दिनों में मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों पर राष्ट्रीय एकता को बरकरार रखा. आजादी के अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है, विकसित भारत, नया भारत. नया भारत यानी – सोच और संकल्प से एक आधुनिक भारत. हमारी न्यायपालिका इस विज़न का एक मजबूत स्तम्भ है।