ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जवाब दिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पत्र में तथ्यात्मक गलती बताते हुए ममता बनर्जी की आलोचना की है। अन्नपूणा देवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को जवाब दिया है कि इस पत्र का उद्देश्य राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) के संचालन में हुई देरी को छिपाना है।विज्ञापनदेवी ने ममता बनर्जी को जवाब देते हुए लिखा, “इस संबंध में आपके पत्र में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है और यह राज्य द्वारा एफटीएससी के संचालन में देरी को छिपाने की दिशा में एक कदम प्रतीत होता है।पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) और विशेष पॉक्सो कोर्ट की स्थिति के बारे में आपने जो पत्र में बताया है, वह मुझे कलकत्ता उच्च न्यायालय से प्राप्त जानकारी से अलग लगता है।
पश्चिम बंगाल ने 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) स्थापित किए हैं, जो केंद्र सरकार की योजना के तहत आने वाले फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) के समान नहीं हैं।’’देवी ने इस बात का उल्लेख भी किया कि 48,600 लंबित मामले होने के बावजूद, पश्चिम बंगाल ने बलात्कार और POCSO मामलों से निपटने के लिए अतिरिक्त फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों का संचालन नहीं किया है।ये जवाब केंद्र की तरफ से तब आया है जब ममता बनर्जी ने शुक्रवार को पीएम मोदी को पत्र लिखकर बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर कड़े केंद्रीय कानून और सजा की मांग के लिए अपील की थी।