उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. निकाय चुनाव में बीजेपी की रणनीति के आगे सभी विपक्षी दल फेल साबित हुए हैं. हालांकि बीजेपी ने निकाय चुनाव में इस जीत का श्रेय पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता और पदाधिकारी को दिया है लेकिन इस जीत के असली नायक बीजेपी के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह को माना जा रहा है. क्योंकि धर्मपाल सिंह द्वारा निकाय चुनाव में पर्दे के पीछे से बनाए चक्रव्यूह में विपक्षी दल ऐसे उलझे कि वह चारों खाने चित हो गए.यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और धर्मपाल सिंह द्वारा ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया गया जिसे विपक्ष भेद नहीं सका।
निकाय चुनाव धर्मपाल सिंह का असल इम्तिहान भी था क्योंकि उन्हें इस चुनाव के जरिए लोकसभा चुनाव के लिए पिच भी तैयार करना था. इस चुनाव में उन्होंने कुछ नए प्रयोग भी किए थे, इसके साथ ही उन्होंने बूथ स्तर पर भी रणनीति बनाई थी. इसके अलावा निकाय चुनाव में पन्ना प्रमुखों को भी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसके अलावा जातिगत वोटों को साधने के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन भी कराए गए थे.यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी की तरफ से टिकट बंटवारे को लेकर काफी सावधानी बरती गई. पार्टी की तरफ से कार्यकर्ताओं को पहले प्राथमिकता दी गई, हालांकि टिकट नहीं मिलने से कुछ नेताओं में नाराजगी भी दिखाई दी लेकिन बीजेपी संगठन ने इसका असर असर पार्टी में नहीं होने दिया।
निकाय चुनाव के लिए बीजेपी ने बूथ विजय अभियान के अंतर्गत हर घर संपर्क का अभियान चलाया और पार्टी के विकास कार्यों के बारें में जनता को बताया गया. इसके अलावा संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह ने चुनावी जिलों में समितियों के साथ बैठक की और जीत का मंत्र भी देते रहे. वहीं चुनावी मोड़ की निगरानी के लिए एक बड़ा वार रूम तैयार किया गया।