पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कभी करीबी रहे आरसीपी सिंह बीते गुरुवार 11 मई को बीजेपी में शामिल हो गये। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उन्हें पार्टी में शामिल कराया। भाजपा में जाने के बाद उनका नाम तक जेडीयू के नेता भूल गये हैं। बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने आरसीपी सिंह की जगह आरसीपी सिन्हा साहब कहने लगे। श्रवण कुमार ने यह भी कहा कि जेडीयू में रहकर वे बीजेपी के लिए काम कर रहे थे।
जिस तरह से उनकी ज्वाइनिंग बीजेपी में हुई उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि आरसीपी सिन्हा साहब का बीजेपी ने अपमान किया है। जब बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कराई जा रही थी तब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी को वहां रहना चाहिए था। लेकिन आरसीपी को किसी ने तबज्जों नहीं दी। बीजेपी ने उनका अपमान किया। बीजेपी ने सब कुछ परख कर आरसीपी का अपमान किया है। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि नालंदा के लिए आरसीपी ने क्या किया है यह खुद नालंदा की जनता से पूछिये। जब उनकों नालंदा के लिए काम करने का मौका दिया गया तब उन्होंने अपने 12 साल के कार्यकाल में किसी पंचायत या गांव को 12 रूपया भी नहीं दिया। जो उनके हाथ में था कब से कम वही करते लेकिन कोई ऐसा काम नहीं किये जिसे लेकर नालंदा की जनता उन्हें याद करे। श्रवण कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री राहत कोष से बीमार लोगों को मदद की जाती है। एक आदमी बता दें कि किसी बीमार व्यक्ति के लिए आरसीपी सिंह ने कभी अनुशंसा भी की हो। आरसीपी से ना तो पहले वहां की जनता को कोई उम्मीद थी और ना ही आज ही है। श्रवण कुमार ने कहा कि जिस तरह से जेडीयू का नुकसान करके गये थे उसी तरह बीजेपी में रहकर आरसीपी नुकसान पहुंचाएंगे।
हमलोगों ने तो भरपाई कर ली है हम सबके नेता नीतीश कुमार हैं जब तक नीतीश कुमार के हाथ में पार्टी की बागडोर है तब तक कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। श्रवण कुमार ने कहा कि जेडीयू से निष्कासित किये जाने के बाद से ही हमलोगों को यह पता था कि आरसीपी सिंह बीजेपी का दामन थामेंगे। लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराएंगे। जबकि होना यह चाहिए था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के हाथों उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण करानी चाहिए थी। बीजेपी ने आरसीपी सिंह का घोर अपमान किया है।