पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नए संसद भवन को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस ने उन पर गुरुवार (25 मई) को निशाना साधा. कांग्रेस ने कहा कि इससे साफ हो गया है कि बीजेपी और बहुजन समाज पार्टी साथ में आने वाली है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि लगता है कि बहनजी (मायावती) के पास फोन पहुंच गया है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती मोदी सरकार के बचाव में मैदान में आ गईं हैं. यूपी में गठबंधन की तस्वीर थोड़ी और साफ़ हुई. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ”द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ चुनाव लड़ना दूसरी बात है. एक बार जब वो राष्ट्रपति बन गईं तो उनका सम्मान हम सबकी जिम्मेदारी है. हम सरकार को राजधर्म की याद दिला रहे हैं.”दरअसल बीएसपी चीफ मायावती ने उद्घाटन समारोह के विपक्षी दलों के बॉयकाट पर कहा है कि प्रेसिडेंट मुर्मू का इतना सम्मान करते थे तो उनके खिलाफ उम्मीदवार क्यों खड़ा किया था? उन्होंने साथ ही नए संसद भवन का पीएम मोदी के उद्घाटन किए जाने को लेकर स्वागत किया।
मायावती ने तीन ट्वीट करते हुए कहा कि बीएसपी लोगों के हित में हमेशा खड़ी रही है. उन्होंने ट्वीट किया कि केंद्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की. बीएसपी ने देश और जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है. अब 28 मई को संसद के नए भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है. मायावती ने कहा, ”राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित है
सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है. इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित. यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था।
उन्होंने आगे कहा कि देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनाएं. किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सबंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी. कांग्रेस, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टीएमसी, सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक) और जनता दल (यूनाइटेड) सहित 20 विपक्षी दलों ने उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार घोषणा की है. इन दलों ने मांग की है कि उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बजाए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए।