कांग्रेस को लगातार दो दिन में दो बड़े झटके लगे हैं। भाजपा के स्थापना दिवस छह अप्रैल को केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के पुत्र अनिल एंटनी ने भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके ठीक दूसरे दिन यानी सात अप्रैल को आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण रेड्डी ने भाजपा का दामन थाम लिया। दक्षिण की राजनीति में अपने पैर पसारने की तैयारी कर रही भाजपा के लिए यह एक बड़ी सफलता है। किरण रेड्डी ने बीती 12 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेजा था।
उसके बाद से ही किरण रेड्डी के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तेलंगाना दौरे के ठीक एक दिन पहले किरण कुमार रेड्डी के भाजपा में शामिल होने को विशेष महत्त्व का माना जा रहा है।भाजपा से जुड़ने के समय किरण कुमार रेड्डी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व यह नहीं समझ पा रहा है कि किस नेता को किस स्तर पर क्या जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। इसके कारण पार्टी के अनेक नेताओं में गहरा असंतोष है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार कई दशकों से कांग्रेस के प्रति समर्पित रहा है, लेकिन उनके जैसे नेताओं की उपेक्षा से पार्टी लगातार कमजोर हो रही है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस का भविष्य इसी बात से समझा जाना चाहिए कि एक समय 400 से ज्यादा सीटें हासिल करने के बाद आज वह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है, जबकि एक समय केवल दो सीटों पर रहने वाली भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सेवा में लगातार लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ कोई अपने लोगों को संभाल कर रख पाने में भी असमर्थ हो रहा है।
आंध्र प्रदेश के चार बार विधायक और स्पीकर रहे किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि भाजपा का पूरा नेतृत्व राष्ट्र निर्माण की भावना से आगे बढ़ रहा है। पार्टी नेताओं के साथ-साथ भाजपा का सामान्य कार्यकर्ता भी इसी भावना से आगे बढ़ रहा है। यह भावना आसानी से नहीं आती है, इसके लिए लंबे समय से भाजपा के शीर्ष नेताओं ने परिश्रम किया है और कार्यकर्ताओं के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। भाजपा की नीति और दिशा बिल्कुल साफ है। वे गरीबों और युवाओं के लिए समर्पित हैं।किरण कुमार रेड्डी के शामिल होने के अवसर पर पार्टी नेता प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर रहे किरण कुमार रेड्डी अब भाजपा के लिए बैटिंग करेंगे। वे रणजी स्तर तक क्रिकेट खेल चुके हैं। उन्होंने कहा है कि वे प्रधानमंत्री मोदी के भ्रष्टाचार से लड़ाई में अपना योगदान देना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने भाजपा से जुड़ने का निर्णय किया हैकिरण कुमार रेड्डी संयुक्त आंध्र प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री रहे। साल 2014 में जब तत्कालीन यूपीए सरकार ने आंध्र प्रदेश का बंटवारा कर उसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विभाजित करने का फैसला किया तो किरण कुमार रेड्डी ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। किरण रेड्डी ने विरोध स्वरूप कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपनी अलग पार्टी जय समैक्य आंध्र बनाई थी। हालांकि साल 2018 में वह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे।केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी की मौजूदगी में किरण कुमार रेड्डी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान किरण रेड्डी के परिवार के कुछ सदस्य भी मौजूद रहे। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि ‘कांग्रेस आलाकमान के गलत फैसलों की वजह से राज्य दर राज्य पार्टी टूट रही है। यह एक राज्य की बात नहीं। एक पुरानी कहानी है कि मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है, वह अपने आप नहीं सोचता और न ही किसी का सुझाव मानता है। आप सबको पता चल गया होगा कि मैं क्या कहना चाहता हूं।’ रेड्डी ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कांग्रेस छोड़नी पड़ेगी।कांग्रेस पार्टी लोगों के मत को नहीं समझ पा रही है। कांग्रेस पार्टी न तो विश्लेषण कर रही है कि गलती क्या है और न ही वे सही करना चाहते हैं। वह यही सोचते हैं कि मैं ही सही हूं और देश की जनता सहित बाकी सब गलत हैं। इसी विचारधारा कि वजह से मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। गौरतलब है कि दक्षिण भारत की राजनीति में अपने आप को मजबूत करने की कोशिशों में जुटी भाजपा के लिए यह बड़ी सफलता है। गुरुवार को ही पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था।