एक साक्षात्कार के दौरान भारतीय राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष आर पी मौर्य जी ने उड़ीसा रेल हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है इस दुर्घटना के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, इसका मुख्य कारण रेल की जर्जर व्यवस्था है और इस पर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है।बीआरपी चीफ के अनुसार किसी भी देश का प्रधानमंत्री उस देश का पिता तुल्य होता है। भारत का हर नागरिक एक प्रकार से मोदी जी की संतान है जैसे महान सम्राट अशोक भी मानते थे। राजतंत्र का दौर होते हुए भी महान सम्राट अशोक ने प्रजा के प्रति अपनी सभी जिम्मेदारियों को बखूबी से निभाया लेकिन दुर्भाग्य इस देश का कि इस देश को सम्राट अशोक महान जैसा शासन आजादी से अब तक नही मिला जो इस लोकतंत्र में हर भारतीय को अपनी संतान मानकर हर जिम्मेदारी को उठा सके। जनता जिसे अपना भगवान मान सके।हाल में उड़ीसा में हुई रेल दुर्घटना बेहद गंभीर, दुखद और चिंतनीय मामला है। हर भारतीय को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो।इसके लिए सबसे पहले जिम्मेदार निकम्मी मोदी सरकार है जो जितना खर्च अपनी मेटेनेंस, ताजपोशी और प्रचार प्रसार के लिए करते है काश उसका कुछ भाग रेलवे की एडवांस मेंटेनेस पर किया होता तो ऐसी दुर्घटना कदापि नही होती।

भारत का हर सिस्टम चाहे वह कोर्ट हो, पुलिस व्यवस्था हो, स्कूल हो, कालेज हो, रेलवे या अन्य कोई सभी तुक्के और राम भरोसे चल रही है, अग्रिम सुरक्षा के लिए कोई योजना सरकार के पास नही है इसका कारण यह नही कि सरकार यह कार्य कर नही सकती है, जरूर कर सकती है लेकिन सरकार जब चाहे तब न, सरकार की नजरों में आम जनता कीड़ा मकोड़ा है, आते रहेंगे जाते रहेंगे इनको किसी के मरने जीने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। क्योंकि यह निकम्मी सरकार जनता को अपनी संतान मानती तो संतान जैसी परवरिश भी देती। इस निकम्मी सरकार की पॉलिसी है कि जनता जितनी परेशान राजा उतना ही बलवान ।यही कारण है कि यह भ्रष्ट मोदी सरकार आए दिन काल्पनिक देवी देवताओं को प्रमोट करती रहती है ताकि उनकी आड में आम जनता को मानसिक गुलाम बनाए रखे और वें एक सीमा के बाहर सोच समझ न सके केवल अंधभक्त बनाकर इस भ्रष्ट सरकार की गुलामी करते रहें। एक पाखंडी बाबा आज कल निकला है जिसकी तारीफ करती गोदी मिडिया नही थकती जिसे देवी देवताओं का वरदान प्राप्त है वह भी इस दुर्घटना की अग्रिम जानकारी नहीं से सका। ऐसे पाखंडियों से सतर्क रहने की जरूरत है।पिछले 9 सालों का रिकॉर्ड रहा है को मोदी जी कहीं भी किसी हादसे में नही गए , हादसे हुए भी तो चुनाव का वक्त नहीं था।अब आगे 2024 का चुनाव है मौका अच्छा था चुनावी स्टंट मरने का कि मोदी जी बड़े ही दयालू हैं।

बस मोदी जी आनन फानन में पहुंचे उड़ीसा और एक्टिंग करते हुए दुर्घटनायुक्त इलाके का सर्वे किया, फोटो खिंचवाया, गोदी मिडिया चटर चटर करती रही और दिल्ली पहुंचते ही मृतकों को 2-2 लाख की घोषणा कर दी।अब आप सोचिए, किसी भी व्यक्ति के मौत का दर्द क्या होता है उसके परिवार के लोगों से ज्यादा कौन समझ सकता है, अगर मोदी इन मृतकों को मोदी अपनी संतान समझते तो क्या दो दो लाख देकर बहका देते? क्या दो लाख से किसी के मौत भी भरपाई की जा सकती है? क्या दो लाख में किसी मृतक का परिवार पल सकता है ? कदापि नहीं।अगर मोदी सरकार इन मृतकों को अपने परिवार का हिस्सा मानती तो हर एक को कम से एक करोड़ रुपए और घर में एक सरकारी नौकरी उपलब्ध करवाती लेकिन नही इसी निकम्मी सरकार से कोई उम्मीद नही। इस घटना के पीछे जितना जिम्मेदार भ्रष्ट मोदी सरकार है उससे कहीं ज्यादा काल्पनिक देवी देवता, जिन्हे आपका रक्षक बताया जाता है हर बिगड़ा कार्य बनाने की गारंटी तक की जाती है। इस दोनो को अपने दिलो दिमाग से उखाड़ फेंकने की जरूरत है।

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