जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 2023 के लिए युद्ध स्तर पर काम जारी है. जम्मू कश्मीर सरकार और अमरनाथ श्राइन बोर्ड के साथ-साथ इस बार यात्रियों की सुविधा के लिए नए प्रयासों पर तैयारी चल रही है. इस साल यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी और 11 अगस्त को रक्षाबंधन दिवस पर समाप्त होगी.3 जून को पवित्र अमरनाथ गुफा पर पहली पूजा के साथ ही इस साल की यात्रा के लिए गुफा को खोल दिया गया है. पूजा में मंत्रोच्चार के साथ गुफा पर विधि अनुसार पूजा हुई जिसमें जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा वीडियो लिंक से शामिल हुए. हालांकि, इस बार की अमरनाथ यात्रा कई माइनों में अब तक की यात्रा से अलग होगी.जम्मू कश्मीर प्रशासन और अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस बार सेना के सीमा सड़क संगठन को अमरनाथ गुफा तक आने जाने वाले दोनों रास्तों- पहलगाम और बालतल के रख रखाव और उपग्रडेशन का काम सौंपा है।

अमरनाथ यात्रा के इतिहास में यह पहली बार है कि अमरनाथ यात्रा ट्रैक के रखरखाव के समग्र नियंत्रण को बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) को सौंप दिया गया है.बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन के महानिदेशक लेफ्टनंट जनरल राजीव चौधरी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, यात्रा के सुचारू रूप से चलने और यात्रा के ट्रैक को चौड़ा करने के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई नए कदम उठाये गए हैं. लेफ्टनंट बोले “पहलगाम और बालतल दोनों रस्ते पर ट्रैक को चौड़ा करने का काम पूरा कर लिया गया है और जहां-जहां मुमकिन है ट्रैक को कंक्रीट का बनाया गया है. इसके साथ पूरे रस्ते पर खतरनाक जगहों पर रेलिंग लगाए गए हैं.”BRO सीमावर्ती क्षेत्रों में देश के सड़क निर्माण की रीढ़ है जो मुख्य रूप से देश की रक्षा को पूरा करता है. इसी साल फरवरी के महीने में सड़क निर्माण और रखरखाव को सौंपकर, जम्मू कश्मीर सरकार ने बेस कैंप की सभी जिम्मेदारियों से R&B, पहलगाम डेवलपमेंट ऑथॉरिटी, सोनमर्ग डेवलपमेंट ऑथॉरिटी विभागों के साथ-साथ गांदरबल और अनंतनाग जिला प्रशासन को राहत दी है.वार्षिक अमरनाथ यात्रा की तैयारी बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने फरवरी के महीने से ही शुरू कर दी थी और अमरनाथ गुफा तक बर्फ को साफ करने का काम शुरू किया. पूरे ट्रैक पर 25 से 30 फुट ऊंची बर्फ की दीवारों को काट कर रास्ता बनाया गया. इस काम में पहली बार भारी बुलडोज़र का इस्तेमाल किया गया जिनको चिंहुक हेलीकाप्टर की मदद से गुफा तक के रस्ते पर उत्तरा गया. बॉर्डर रोड आर्गेनाईजेशन के अनुसार इस समय करीब 1300 मज़दूर, 4 छोटे बुलडोज़र और 2 हैवी एक्सकैवेटर काम कर रहे हैं।

मौसम और बर्फ़बारी यात्रा के लिए इस बार भी चुनौती बनाए हुए है. इस बार कश्मीर घाटी में बर्फ़बारी ने दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और जून के महीने में भी लगातार बारिश और बर्फ़बारी हो रही है. इसलिए यात्रा के पूरे ट्रैक पर बरसात और बर्फ से बचने के लिए शेड का निर्माण, स्वस्थ सेवाएं और किसी भी अनहोनी से बचने के लिए क्विक रिएक्शन टीम का भी प्रावधान रखा गया है. बॉर्डर रोड्स संगठन के लेफ्टनंट कर्नल ने कहा, “हमारे प्रयासों को यात्रा ट्रैक को चौड़ा करने के लिए होगा क्योंकि पिछले साल, गुफा के पास बारिश के गिरने और बादल के कारण मानव जीवन खो गया था. हम गुफा के लिए सड़क को इतना चौड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं कि एम्बुलेंस और मशीनरी गुफा में पहुंच सकते हैं. साथ ही ट्रैक को पूरी तरह 15 जून तक त्यार किया जाएगा.” अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण 11 अप्रैल से शुरू हो गया था और सरकार इस साल यात्रा में पांच लाख से ज़ायदा यात्रियों के आने की उम्मीद है. पिछले साल, बादल फटने की घटनाओं ने पवित्र गुफा क्षेत्र में बारी नुकसान पहुंचाया था जिसमें 15 से ज़ायदा यात्रियों की जान भी गई थी. गुफा तक के ट्रैक पर काम करने वाले मज़दूरों के अनुसार लगातार खराब मौसम से काम करने में काफी अड़चनों का सामना करना पड़ता है. अभी भी पूरे रस्ते पर 15 से 20 फीट बर्फ मौजूद है और नई बर्फ गिरने के चलते काम पर असर पड़ता है. बशीर अहमद नाम के मज़दूर ने कहा, “हम पिछले दो महीने से सड़क को साफ़ कर रहे हैं और हमको उम्मीद है कि 15 से 20 जून तक रास्ता पूरी तरह त्यार होगा. हालांकि हर रोज़ होने वाली बारिश और बर्फ़बारी के बावजूद भी मज़दूर काम पर लगे हैं.” वर्तमान में, तीर्थयात्री चंदनवारी से पहलगाम में गुफा मंदिर तक 20 किमी और बालटाल से मंदिर तक 14 किमी की पैदल यात्रा करते हैं और अधिकांश तीर्थयात्रियों के लिए यह बहुत कठिन यात्रा है. इस साल अप्रैल में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अमरनाथ मंदिर के लिए एक सड़क परियोजना की घोषणा की जो यात्रा ट्रैक पर संगम टॉप के माध्यम से पहलगाम और सोनमर्ग को जोड़ेगी. इस सड़क के बन जाने के बाद मोटर वाहन तीर्थयात्रियों को संगम की चोटी तक ले जाएंगे जहां से गुफा तक की यात्रा केवल 2-3 किलोमीटर ही रह जाएगी.राजीव चौधरी ने कहा, “हम काम पर हैं और हम तीर्थयात्रियों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि आप इस साल सुरक्षित हैं.” जबकि ट्रैक समाशोधन और शिविरों की स्थापना और सेवाएं जोरों पर हैं, सुरक्षा के व्यापक इंतजाम भी किए जा रहे हैं. खुफिया एजेंसियों को यात्रा पर संभावित हमलों की रिपोर्ट मिलने के बाद महानिदेशक दिलबाग सिंह ने सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठकें कीं.दिलबाग सिंह ने कहा, “यात्रा एक धार्मिक त्योहार है और हम सुनिश्चित करेंगे कि यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो.” वर्तमान में, तीर्थयात्री चंदनवारी से पहलगाम में गुफा मंदिर तक 20 किमी और बालटाल से मंदिर तक 14 किमी की पैदल यात्रा करते हैं और अधिकांश तीर्थयात्रियों के लिए यह बहुत कठिन यात्रा है. हालांकि, नए उपाय के साथ, अमरनाथ श्राइन बोर्ड यात्रा को उनके लिए थोड़ा कम कठिन बनाने का इरादा रखता है.इस साल अप्रैल में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अमरनाथ मंदिर के लिए एक सड़क परियोजना की घोषणा की जो यात्रा ट्रैक पर संगम टॉप के माध्यम से पहलगाम और सोनमर्ग को जोड़ेगी. इस सड़क के बन जाने के बाद मोटर वाहन तीर्थयात्रियों को संगम की चोटी तक ले जाएंगे जहां से गुफा तक की यात्रा केवल 2-3 किलोमीटर ही रह जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *