पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है, साथ में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और विभाग के पदाधिकारियों पर भी निशाना साधा. आरसीपी सिंह ने कहा कि सरकार का बहुत बड़ा निर्णय था अगुवानी-सुल्तानगंज पर पुल बनाने का जिसकी घोषणा 2006 में हो गई थी. आज नौ साल बाद कॉस्ट 1700 करोड़ तक पहुंच गया. नालंदा के अजनौरा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने नीतीश पर हमला बोला।
आरसीपी सिंह ने कहा कि पहले भी पुल ध्वस्त हुआ था. कहा क्या गया था कि हवा चलने से गिर गया. सोचिए नीतीश कुमार के कार्यकाल में किस प्रकार का निर्माण हो रहा है. तेजस्वी यादव कहते और उनके पदाधिकारी कहते हैं कि टेक्निकल फॉल्ट है, डिजाइन फॉल्ट है, स्ट्रक्चरल फॉल्ट है तो ये किसको बता रहे हैं? आपके पास सत्ता है, आप जिम्मेदार हैं. यह सीधे-सीधे सरकार की विफलता है. नीतीश बाबू की विफलता है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुशासन के नाम पर नीतीश कुमार की पहचान थी. कोई भी इतना बड़ा काम चलता है तो मॉनीटरिंग की जाती है. क्या नीतीश कुमार ने मॉनीटरिंग की? रोज घूमते रहते हैं. कभी यात्रा करते रहते हैं तो अभी देश में घूम रहे हैं. इनके पदाधिकारी लोग विदेश घूम रहे हैं और देख रहे हैं कि कहां कौन सा अच्छा काम हो रहा है. अरे बिहार में क्या हो रहा है? ये बिहार में जो पुल गिरा है ये पूरा का पूरा नीतीश कुमार की इमेज थी वो एक बार में गंगा में समाहित हो गई।
आगे आरसीपी सिंह ने कहा कि हम कहीं किसी से ये बात करेंगे सुशासन की तो कौन इन पर भरोसा करेगा. यह सिर्फ सिविल फेल्योर नहीं है, इंजीनियर की या कॉन्ट्रैक्टर की फेल्योर नहीं है. यह क्रिमिनल एक्ट है. बिहार जैसे गरीब राज्य का 1700 करोड़ के पुल का ये हाल हो जाता है।