बिजनौर से बीएसपी सांसद मलूक नागर ने विपक्षी एकता पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन बनाने की तैयारी में हैं. नीतीश कुमार ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी मुलाकात की है. 23 जून को पटना में उन्होंने विपक्षी दलों का महासम्मेलन बुलाया है. लेकिन उत्तर प्रदेश में दलितों की राजनीति करने वाली बीएसपी सुप्रीमो मायावती को आमंत्रित नहीं किया है. बसपा सांसद ने कहा कि नीतीश कुमार की अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत कई विपक्षी नेताओं से बात हुई है।
महासम्मेलन में मायावती को निमंत्रण नहीं मिलने पर बसपा सांसद बेफिक्र नजर आए. उन्होंने कहा कि हमारी नेता बहन मायावती को परवाह नहीं है. हम केवल देश और देश हित को देखकर फैसला लेते हैं. बीएसपी सांसद मलूक नागर ने कहा कि हमारे लिए देश की जनता सबसे पहले है. हम देशहित और जनहित में काम करते हैं।कोई हमें बुलाए या ना बुलाए फर्क नहीं पड़ता है. आदिवासियों और दलितों में संघ की पैठ पर बसपा सांसद ने भगवान या मसीहा बाबा अंबेडकर को बताया. अंबेडकर की परंपरा को कांशीराम ने आगे बढ़ाया।
अब उसी परंपरा को बहन कुमारी मायावती ने बढ़ा रही हैं. उन्होंने कहा कि बहन कुमारी मायावती का पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के लिए किए गए काम की तुलना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि बसपा का वोट बैंक 13 परसेंट मजबूत है।उन्होंने कहा कि आदिवासी और दलित हमारे साथ हैं. सेंध लगाने की कोशिश करनेवाला नाकाम होगा. उन्होंने कहा कि गठबंधन में जाना भावनाओं का खेल होता है. लेकिन हमारी नेता बहन मायावती ने किसी से गठबंधन नहीं करने को कहा है. दलितों का वोट बैंक चौंकाने वाला रिजल्ट लाएगा. भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद के लोकसभा चुनाव में पड़ने वाले प्रभाव पर बीएसपी सांसद मलूक नागर ने कुछ बोलने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी गठबंधन से संबंधित विषय पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का फैसला अंतिम होगा।