बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को पुल हादसे को लेकर बिहार सरकार पर आरोपों की बौछार कर दी है. उन्होंने यहां तक कह डाला कि पुल हादसे की विभागीय जांच कराकर सरकार द्वारा खानापूर्ति की जा रही है, जिस अधिकारी ने एसपी सिंगला कंपनी से कमीशन खाए उन्हें ही जांच करने कह दिया गया है. इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है?विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया कि एसपी सिंगला सहित कई कंपनियों की सरकार के साथ सेटिंग है. इन कंस्ट्रक्शन कंपनियों के बैंक खातों की जांच हो. इससे पता चल जाएगा कि सरकार के मंत्रियों से लेकर विभागीय अधिकारियों तक को कितना कमीशन मिला है।
साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार सरकार राज्य की सभी पुलों की जांच कराए और पुल की लाइफ कितने दिनों की है लोगों को बताए. पुल हादसे की CBI जांच होनी चाहिए. बिहार सरकार इससे क्यों भाग रही है. पुल निर्माण कार्य में लगे इंजीनियर और अन्य लोगों की सूची जारी हो और उनकी संपत्ति की जांच हो. विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में जब NDA सरकार थी तब तेजस्वी यादव बोलते थे 70 घोटाले हुए हैं. सरकार बनने पर हम जांच कराएंगे. सरकार बन गई. कोई जांच नहीं कराते.चुप्पी साधे हुए हैं. इसका मतलब उनकी भी भागीदारी भ्रष्टाचार में हो गई है. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा कहा कि एसपी सिंगला कंपनी को तुरंत में ब्लैकलिस्ट क्यों नहीं किया गया. जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव एक साल से पथ निर्माण विभाग के मंत्री हैं. जब पुल निर्माण का काम हो रहा था तो उस समय स्ट्रक्चरल ऑडिट क्यों नहीं हुआ? उन्होंने आरोप लगााया कि एसपी सिंगला कंपनी को बचाने की कोशिश सरकार कर रही है और जनता के पैसों की लूट हो रही है. विजय कुमार ने कहा कि पहली बार जब पुल गिरा था तब उसकी जांच रिपोर्ट विधानसभा में सदन पटल पर नहीं रखी गई. चारा घोटाले में भी ऐसा ही हुआ था. जांच रिपोर्ट को सदन पटल पर नहीं रखने दिया गया था, लेकिन सीबीआई जांच हुई. कोर्ट का फैसला आया. भ्रष्टाचारी जेल गए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन से सड़क तक हम लोग लड़ाई लड़ेंगे. विजय सिन्हा ने कहा कि पुल हादसा मामले में भी भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे.बता दें अगुवानी-सुल्तानगंज ब्रिज एक साल के अंदर दूसरी बार गिरा है. साल 2015 से यह पुल बन रहा था. 1710 करोड़ रुपये की लागत से पुल बन रहा है. एसपी सिंगला कंपनी पुल को बना रही है. बिहार के कई पुलों का ठेका इसी कंपनी के पास है. घटना के बाद से यह कंपनी एवं सरकार विपक्ष निशाने पर है. पथ निर्माण विभाग की ओर से कंपनियों को शोकॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।