लोकसभा चुनाव में भले ही 11 महीने का वक्त बाकी हो, लेकिन कांग्रेस अभी से अपने सियासी समीकरण और संगठन को दुरुस्त करने में जुट गई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 2024 से पहले पार्टी को नए तेवर और क्लेवर देने के लिए संगठन में बड़े फेरबदल की पठकथा लिख दी है. आधे दर्जन से ज्यादा प्रदेश अध्यक्ष की छुट्टी कर नए चेहरों की ताजपोशी की जा सकती है. इसके अलावा कांग्रेस की सबसे पॉवरफुल मानी जाने वाली कमेटी सीडब्ल्यूसी के जरिए खरगे अपने सिपहसलारों की एक टीम बनाएंगे और उन्हीं के कंधों पर मिशन-2024 की जिम्मेदारी होगी. माना जा रहा है कि खरगे जून के आखिर तक संगठन का नया रूप दे देंगे?2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अपने सियासी वजूद को बचाए रखने वाला है, जिसके चलते वो किसी भी तरह का सियासी जोखिम उठाना नहीं चाहती है।

कांग्रेस पिछले 9 सालों से केंद्र की सत्ता से बाहर है और देश के चार राज्यों में ही अपने दम पर सत्ता में है जबकि तीन राज्यों में सहयोगी दल के तौर पर शामिल है. ऐसे में कांग्रेस तीसरी बार लोकसभा का चुनाव हार जाती है और सत्ता में वापसी नहीं कर पाती है तो उसके लिए अपने सियासी आधार को बचाए रखना मुश्किल हो जाएगा. इसीलिए 2023 में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा और 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव काफी अहम माना जा रहा है.कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले संगठन में बड़ा फेरबदल करने का कदम उठाने जा रही है ताकि नए अंदाज और तेवर के साथ 2024 के चुनावी रण में उतर सके.कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद अब मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी संगठन में फेरबदल के लिए फाइनल लिस्ट तैयार कर ली है और इंतजार गांधी परिवार का है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विदेश यात्रा से लोटने के बाद खरगे उनके साथ सलाह-मशविरा करके अपने सिपहलारों का ऐलान कर देंगे, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रदेश प्रभारी और सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के नाम होंगे.मल्लिकार्जुन खरगे ने उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक करीब एक दर्जन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों की छुट्टी करने का प्लान बनाया है और उनकी जगह पर तेज तर्रार चेहरों को आगे लाने की रणनीति है. यूपी से बृजलाल खाबरी, दिल्ली से अनिल चौधरी, छत्तीसगढ़ से मोहन करकाम, पश्चिम बंगाल से अधीर रंजन चौधरी, राजस्थान से गोविंद सिंह डोटासरा, महाराष्ट्र से नाना पटोल, झारखंड के राजेश ठाकुर अरुणांचल से नबाम तुकी, केरल से सुराकरन की प्रदेश अध्यक्ष पद से छुट्टी हो सकती है. इनकी जगह पर कांग्रेस नए चेहरों को कमान सौंपने की तैयारी की है.माना जा रहा है कि यूपी में कांग्रेस अजय राय, महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण जैसे भारी भरकम चेहरों को जिम्मेदारी सौंप सकती है. इसके अलावा बंगाल में कांग्रेस अधीर रंजन चौधरी के हाथों से कमाल लेने के पीछे ममता के साथ तालमेल करने की रणनीति है. अधीर रंजन का ममता बनर्जी के साथ छत्तीस का आंकड़ा है. 2024 में विपक्षी एकता और ममता बनर्जी के साथ संतुलन बनाने के लिए कांग्रेस अधीर रंजन की जगह किसी नरम रुख वाले चेहरे की तलाश है. राजस्थान में गोविंद सिंह डोटासरा के हाथों से कमाल लेकर कांग्रेस सचिन पायलट को साधना चाहती है, जिसके लिए पायलट या फिर उनके किसी करीबी नेता को कमान सौंप सकती है।

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