कांग्रेस नेता अलका लांबा ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कारोबारी गौतम अडानी को लेकर उनके एक बयान पर बीजेपी की ओर से घेरे जाने के बाद सफाई दी है. बीजेपी नेताओं ने अलका लांबा के एक ट्वीट पर सवाल खड़ा किया है. ट्वीट में लांबा ने शरद पवार और गौतम अडानी की एक तस्वीर शेयर कर ‘डरे हुए लालची लोग’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए निशाना साधा है. जिस पर बीजेपी के एक नेता शहजाद पूनावाला ने पूछा कि क्या लांबा का ट्वीट कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक प्रतिक्रिया है? कुछ और नेताओं ने भी लांबा के ट्वीट पर रिएक्शन दिए हैं. इसके बाद लांबा ने अपना रुख स्पष्ट किया है। रिर्पोट के मुताबिक, अलका लांबा ने शरद पवार को लेकर उनके ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा कि यह कांग्रेस का मत नहीं है।

कांग्रेस का बयान पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर देखा जा सकता है. लांबा ने कहा, ”मैं एक कांग्रेस कार्यकर्ता हूं, निजी हैंडल पर मेरे ट्वीट मेरे स्वतंत्र विचार हैं, जिनकी जवाबदेही या जिम्मेदारी मेरी है.” इसी के साथ लांबा ने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र है और पार्टी हर कार्यकर्ता को अपने विचार रखने का अधिकार देती है। अलका लांबा ने शनिवार (8 अप्रैल) को एक शरद पवार और कारोबारी गौतम अडानी वाली एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया था, ”डरे हुए- लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं, देश के लोगों की लड़ाई एक अकेला राहुल गांधी लड़ रहा है, पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकीदार से भी।

मैं स्तब्ध हूं, क्या यह कांग्रेस का आधिकारिक बयान है. अलका लांबा ने शरद पवार जी पर एक अविश्वसनीय हमला किया है. उन्होंने उन्हें (पवार) लालची और कायर करार दिया है. एक महाराष्ट्रीयन होने के नाते मैं काफी अचंभे में में हूं. क्या यह कांग्रेस और महाराष्ट्र कांग्रेस की आधिकारिक रुख है और एनसीपी को इस पर क्या कहना हैं?वहीं, बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने लांबा के बयान पर कहा, ”कांग्रेस नेताओं के ट्वीट और बयान पार्टी की मानसिकता को दिखाते हैं. जब तक आप गांधी परिवार की पैरवी करते हैं तो आप सहयोगी हैं, लेकिन अगर असहमत होते हैं और अपने अधिकार का प्रयोग करने का फैसला करते हैं तो आपका अपमान किया जाएगा और नाम लिया जाएगा।बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने हाल में गौतम अडानी मामले पर विपक्ष की जेपीसी की मांग को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया था. उन्होंने कहा था कि जेपीसी की बजाय सुप्रीम कोर्ट की समिति मामले पर ज्यादा प्रभावी होगी. पवार के बयान को मोदी सरकार के प्रति झुकाव से जोड़कर देखा जा रहा है. एनसीपी प्रमुख के बयान पर कांग्रेस के कई नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं, उन्हीं में से एक अलका लांबा ने पवार पर तीखा हमला ही कर दिया था।

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